यदि शंकर को मिल जाता टेरीलीन ;
तो नंग बदन होकर दिगम्बर कहलाते क्यों!
यदि होती फायर ब्रिगेड रावण के पास ;
कपि के जलाये लंका जल जाती क्यों!
सोफासेट यदि होता विष्णु के पास ;
शेषनाग की शैय्या पर विष्णु लेटते क्यों!
कारों की सवारी यदि मिल जाती गणेश को ;
तो मूषक की सवारी करते क्यों!
स्टैनगन होती यदि राम चंद्र के पास ;
तो राम बाण से युद्ध लड़ते क्यों!
लाउडस्पीकर होता यदि ब्रम्हा के पास ;
तो चार - चार का आनन अपनाते क्यों!
ऐसी बानी बोलिये मन का आपा खोय ;
सुनने वाला आठ दिनों तक फवक फवक के रोय!
तो नंग बदन होकर दिगम्बर कहलाते क्यों!
यदि होती फायर ब्रिगेड रावण के पास ;
कपि के जलाये लंका जल जाती क्यों!
सोफासेट यदि होता विष्णु के पास ;
शेषनाग की शैय्या पर विष्णु लेटते क्यों!
कारों की सवारी यदि मिल जाती गणेश को ;
तो मूषक की सवारी करते क्यों!
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यदि मिल जाता - A Hindi Poem |
स्टैनगन होती यदि राम चंद्र के पास ;
तो राम बाण से युद्ध लड़ते क्यों!
लाउडस्पीकर होता यदि ब्रम्हा के पास ;
तो चार - चार का आनन अपनाते क्यों!
ऐसी बानी बोलिये मन का आपा खोय ;
सुनने वाला आठ दिनों तक फवक फवक के रोय!
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