सुखी जीवन का रहस्य
जीवन को सुखी बनाने के लिए आमोद प्रमोद की आवश्यक है। लेकिन ऐसा आमोद प्रमोद नहीं होना चाहिए। जिसमें बुराई का अंश आ जाए मानसिक और शारीरिक श्रम करने के बाद विनोद और व्यायाम करना मनुष्य के लिए अति आवश्यक है। जो जीवन में व्यायाम और विश्राम को कोई महत्व नहीं देते उन्हें बहुत से लोग और व्याधियों घेर लेते हैं।
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सुखी जीवन का रहस्य क्या है | What is The Secret of Happy Life |
बहुत से लोग मनोविनोद और दिल बनाने के लिए क्लबों में जाते हैं। वहां अनेकों जेब जैसे शराब सिगरेट या अन्य नशे उनके पल्ले बंध जाते हैं। कितनी ही बुराइयों में व्यक्ति फस जाता है। जबकि यदि संगीत विद्या की ओर गंभीरता से ध्यान दिया जाए तो कुछ अधिक ही सार्थक परिणाम सामने आएंगे स्तरीय प्रायः गीत गाती है। और बचपन से ही इस और उनका रुझान होता है। किंतु अत्यंत खेद की बात है, कि इस विषय में युवा अनाड़ी ही रहती हैं। यदि वे सिलसिलेवार संगीत का अभ्यास करें तो उनका जीवन कहीं अधिक सुखी हो सकता है।
प्रायः देखा जाता है। कि जो पुरुष संगीत विद्या के शौकीन होते हैं। वह को संगत में पढ़ने से बस जाते हैं। आयरलैंड में संगीत विद्या द्वारा शराब पीना छुड़ा दिया जाता है। और इतना ही नहीं संगीत विद्या के माध्यम से अनेक दूसरी बुराइयों में जैसे भी निजात दिला दी जाती है। लेकिन इस विद्या की ओर लोगों का रुझान अब पूरे विश्व में ही कम हो गया है। दूसरे अभियां विद्या कुछ पेशेवर लोगों के हाथों में चले गए हैं। अतः इसे विशिष्ट काम समझा जाने लगा है लोगों का रुझान इस वजह से भी इस और कम हो गया है। जबकि प्रत्येक स्त्री-पुरुष को संगीत का थोड़ा बहुत अभ्यास अवश्य करना चाहिए।
घर को फूलों से सजाना बहुत ही सुरुचिपूर्ण बात है। फूल बहुत सस्ती चीज है। अपने घर में दो-चार फूलों के पौधे हर कोई लगा सकता है। फूलों से वायु सदा शुद्ध रहती है। आंखों को आनंद प्राप्त होता है । और चित्र प्रफुल्लित रहता है। इसीलिए फूलों से प्रेम करना भी बहुत सुखदाई हैं।
इसी प्रकार घर में अच्छे-अच्छे चित्र रखना भी मन के भावों को उत्तम बनाना है। जो तो प्रत्येक घर में चित्र होते हैं। पर इतने गंदे गंदे कुरुचिपूर्ण जिन्हें देखने का दिल ही नहीं करता । और उच्च पैदा हो जाती है। घर में अच्छे-अच्छे वीरो महात्माओं और साधु पुरुषों के चित्र होने चाहिए। जिन्हें देखते ही मन में पवित्र भावनाएं पैदा हो
अपना जीवन सुखी बनाने के लिए नीचे लिखे नियमों का पालन करना चाहिए।
1- कभी निराश मत होइए।
2- आमदनी का कुछ हिस्सा बचा कर रखें।
3- एक क्षण भी व्यर्थ नष्ट करें।
4- परिश्रम संशय और त्याग का अभ्यास करते रहिए।
5- ईश्वर को हर समय अपने पास महसूस करें।
6- आज का काम कल पर कदापि न छोड़े।
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