कुछ महत्वपूर्ण निबंध-Essay For Kids |
1-मित्र का जन्मदिन
अमित मेरा सबसे प्यारा दोस्त है कल उसका जन्मदिन था | उसने मुझे अपने जन्मदिन पर बुलाया था मैं उसके घर जाने के लिए बहुत ही उत्सुक था | मुझे अपने दोस्त के लिए कोई अच्छा सा तोहफा चाहिए था इसलिए मैंने मम्मी से पैसे लिए और दुकान से एक प्यारा सा खिलौना लिया | शाम को मैं अपनी छोटी बहन के साथ उसके जन्मदिन पर गए | वहां हमने बहुत ही मस्ती की उसका घर गुब्बारों से सजा हुआ था | मेरे दोस्त ने नए कपडे पहने थे उसके कपडे बहुत सुन्दर थे 7 बजे मेरे दोस्त में केक काटा और उसके बाद मैंने और मेरी बहन ने केक और बिस्कुट खाये |मेरे दोस्त को बहुत ही सुन्दर सुन्दर तोहफे मिले थे वो बहुत ही खुश था उसे मेरा तोहफा भी बहुत पसंद आया |थोड़ी देर बाद हमने वहाँ खाना खाया और ढेर सारी बातें की | करीब 9 बजे हम घर वापस आ गए |2-एकता में बल
एक दूसरे का साथ देना या साथ रहने के भाव को एकता से सम्बोधित किया जाता है | एकता एक शक्ति का प्रतीक होती है | कहा जाता है की अकेला इंसान किसी काम का नहीं होता है मतलब ये है की अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता |एक ऊँगली अकेले कोई हल्का सा सामान भी नहीं उठा सकती परन्तु अगर पांचो ऊँगली मिल जाती है तो भारी से भारी सामान हिला सकते है | कहने का तात्पर्य ये है कि ांचो उंगलिया मिलकर काफी ताकतवर हो जाती है उसी प्रकार अगर सब मिलकर रहेगे तो ी सं भी ताकतवर हो जायेगा | एकता में अपार शक्ति होती है |एकता में रहकर ही हम अपने देश की उन्नति कर सकते है और साथ ही देश की आजादी को भी कायम रख सकते है | अंग्रेज एकता एक बल को अच्छी तरह समझते थे इसलिए उन्होंने भारत पर शासन करने के लिए फूट डालो कूटनीति का प्रयोग किया और भारत पर कई सालो तक राज किया |
हम एक होकर कठिन से कठिन कार्यो को भी आसान बना सकते है |
घर परिवार समाज में सुख शांति कायम रखने के लिए एकता में रहना अनिवार्य है | हम अगर जाति - पात अमीरी - गरीबी का भेदभाव हमें अलग कर सकता है इसलिए हमें एकता के बल को समझना चाहिए और सबके साथ Milkar रहना चाहिए |
3-आदर्श विद्यार्थी
विद्यार्थी मतलब विद्या अर्जित करने वाला |विद्यार्थी का एक मात्र कार्य विद्या अर्जित करना होता है | एक आदर्श विद्यार्थी वो है जो पूरी ईमानदारी से विद्या प्राप्त करने के लिए मेहनत करता है | विद्या प्राप्त करने के लिए उसे कितना भी कस्ट उठाना पड़े वो पीछे नहीं हटता है , ये एक अच्छे और आदर्श विद्यार्थी की पहचान होती है | विद्या प्राप्त करने के लिए सुख का त्याग करना पड़ता है | अध्ययन एक तपस्या है इसलिए विद्यार्थी का जीवन फूलों की सेज नहीं होता है | उसे कठनाईयो में तप कर अपना जीवन सवारना होता है |एक आदर्श विद्यार्थी के लिए ये आवश्यक है कि वह अपने मन मष्तिष्क तथा इच्छाओ को नियंत्रण में रखे |विद्यार्थी का जीवन समस्त जीवन का आधार होता है | इसलिए एक आदर्श विद्यार्थी सदैव समय का सदुपयोग करता है वो बेकार के कार्यो में अपना जीवन नष्ट नहीं करता |
एक विद्यार्थी के पांच गुड़ बताये गए है - कौए की तरह सदैव प्रयत्नशील रहना , बगुले की तरह ध्यान लगाए रखना , कुत्ते की तरह कम नींद लेने वाला , कम भोजन करने वाला और गृहत्यागी |सत्यवादी होना तथा माता - पिता और गुरुजनो का आदर करना भी एक आदर्श विद्यार्थी की निशानी है |
एक विद्यार्थी के पांच गुड़ बताये गए है - कौए की तरह सदैव प्रयत्नशील रहना , बगुले की तरह ध्यान लगाए रखना , कुत्ते की तरह कम नींद लेने वाला , कम भोजन करने वाला और गृहत्यागी |सत्यवादी होना तथा माता - पिता और गुरुजनो का आदर करना भी एक आदर्श विद्यार्थी की निशानी है |
4- माँ -
माँ शब्द में स्नेह ममता तथा अपनेपन का भाव होता है | माँ ममता की मूरत होती है | बच्चो के लिए वो कुछ भी कर गुजरने की छमता रखती है | माँ बच्चो का जीवन होती है | एक बच्चे का पूरा बचपन माँ की छाँव में गुजरता है |माँ जितना दर्द शाह कर बच्चे को जन्म देती है तथा जितना कष्ट सह कर उसका पालन पोषढ़ करती है उसे शब्दों में बयां नहीं किया का सकता है | माँ की महिमा इसलिए बढ़ जाती है क्युकी वो अपने बच्चो के लिए जो भी करती है वो निःस्वार्थ रहकर करती है | उसकी भावनाओ में कोई छल नहीं होता है | वह सदा ही ईश्वर से अपनी संतान के लिए मंगल कामना करती है |अपनी संतान की ख़ुशी के लिए वो अपनी ख़ुशी और सुख का त्याग कर देती है |
माँ की उसकी संतान कितना भी दुःख क्यों न दे पर माँ के दिल से उसके लिए दुआ ही निकलती है | माँ से ज्यादा और निस्वार्थ प्यार पूरी दुनिया में उसे कोई और नहीं कर सकता | माँ का स्थान भगवन से भी ऊपर रखा गया है | अगर कोई अपनी माँ की सेवा पूरी ईमानदारी से करता है तो उसे सबसे ज्यादा पुण्य मिलता है |माँ की तुलना किसी भी कीमती से कीमती वास्तु से नहीं की जा सकती | माँ अनमोल है |
माँ की उसकी संतान कितना भी दुःख क्यों न दे पर माँ के दिल से उसके लिए दुआ ही निकलती है | माँ से ज्यादा और निस्वार्थ प्यार पूरी दुनिया में उसे कोई और नहीं कर सकता | माँ का स्थान भगवन से भी ऊपर रखा गया है | अगर कोई अपनी माँ की सेवा पूरी ईमानदारी से करता है तो उसे सबसे ज्यादा पुण्य मिलता है |माँ की तुलना किसी भी कीमती से कीमती वास्तु से नहीं की जा सकती | माँ अनमोल है |
0 Comments