मधुमेह होने पर शरीर में इंसुलिन का बनना तो कम हो जाता है, या बंद हो जाता है| यह बीमारी अग्नाशय पैंक्रियाज ग्रंथि में खराबी होने के कारण होती है|
इंसुलिन शरीर में वजन के साथ पहुंचने वाले शक्कर अथवा शर्करा को पहुंच जाती है| जिससे शरीर को कामकाज एवं मेहनत के लिए ऊर्जा मिलती है| जब इंसुलिन कम बनती है| अथवा उसका बनना बंद हो जाता है, तो शक्कर पच नहीं पाती है, और मूत्र के रास्ते शरीर से बाहर निकल जाता है|
इससे व्यक्ति को कामकाज के लिए ऊर्जा नहीं मिल पाती हैं, और द्वितीय कमजोरी एवं थकावट महसूस करता रहता है |
मधुमेह मुख्य तौर पर दो तरह की होती है - इंसुलिन आश्रित मधुमेह अर्थात इन्सुलिन डिपेंडेंट डायबिटीज और इंसुलिन स्रावित मधुमेह अर्थात इंशुरंस ऑन इंडिपेंडेंट डायबिटीज |
शुगर के उपचार - Treatment of Sugar
Insulin-Dependent डायबिटीज के मरीजों को नियमित तौर पर इंसुलिन लेकर तथा दवाइयों खानपान तथा व्यायाम के जरिए रक्त में शुगर के स्तर को नियंत्रित रखना जरूरी होता है |
क्योंकि अनियंत्रित मधुमेह गुर्दे, आंखों हृदय और रक्त धमनियों पर बुरा असर डालता है| गुर्दे, आंख, हृदय जैसे अंगों पर मधुमेह का असर शुरू हो जाने पर उसे रोकने की कोई दवा या उपचार नहीं है|
मधुमेह का शरीर पर प्रभाव - Diabetes Effect on Body
गुर्दे पर मधुमेह के असर के कारण गुर्दे बेकार हो सकते हैं| और मरीज की जान बचने बचाने के लिए गुर्दे के प्रत्यारोपण की जरूरत पड़ती है| आंखों पर इसके असर के कारण डायबिटिक रेटिनोपैथी हो सकती है| जिसकी परिणत अंधेपन के रूप में होती है| इसीलिए मधुमेह के मरीजों को हर 3 महीने में आंखों की जांच करानी चाहिए |
मधुमेह के रोगियों में उच्च रक्तचाप की समस्या बहुत अधिक पाई जाती है , इसीलिए मधुमेह में उच्च रक्तचाप को नियंत्रित रखना बहुत आवश्यक होता है .
"" मधुमेह के रोगियों में हृदय कमजोर पड़ जाता है| और उनकी मांसपेशियों में रक्त को पंप करने की ताकत नहीं रहती ऐसी स्थिति में दिल फैल कर बड़ा हो जाता है| उसके इर्द-गिर्द और फेफड़ों में पानी भर जाता है |यह बीमारी डायबिटीज कार्डियोमायोपैथी कहलाती है|
अनियंत्रित मधुमेह के कारण हृदय के रक्त धमनियों में वसा का जमाव तेजी से होती है| जिससे रक्त का बहाव बाधित होता है, और दिल के दौरे का खतरा पैदा हो जाता है| इसीलिए मधुमेह के मरीजों को रक्त शुगर की नियमित जांच करानी चाहिए, ताकि का पता चलता रहे कि रक्त शुगर नियंत्रित है, या नहीं |
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