भारत के प्रधानमंत्री का कार्यकाल और शक्तियां

भारत के प्रधानमंत्री का कार्यकाल और शक्तियां


भारत के प्रधानमंत्री का कार्यकाल और शक्तियां



भारत के प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। राष्ट्रपति सामान्यत: उसी व्यक्ति को इस पद पर नियुक्त करता है जिसे लोक सभा में बहुमत से सदस्यों का समर्थन प्राप्त हो। यह आवश्यक है क्योंकि संविधान
प्रधानमंत्री और उसके सहयोगी मंत्रियों को लोक सभा के प्रति उत्तरदायी मानता है।

देश का संविधान राज्य सभा के किसी सदस्य को प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त करने से राष्ट्रपति को नहीं रोकता, बशर्ते वह व्यक्ति बहुमत प्राप्त दल का नेता चुन लिया जाए।

राष्ट्रपति संसद के बाहर से भी किसी व्यक्ति को प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त कर सकता है, किंतु ऐसे व्यक्ति को 6 माह के भीतर अपने को संसद का सदस्य निर्वाचित करवा लेना आवश्यक होता है।

प्रधानमन्त्री का कार्यकाल


प्रधानमंत्री राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत अपने पद पर बना रहता है। सामान्यत: राष्ट्रपति, स्वेच्छा से प्रधानमंत्री को पद से नहीं हटा सकता क्योंकि राष्ट्रपति स्वयं परम्परा के अनुसार लोक सभा में बहुमत प्राप्त दल के नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त करता है। सामान्यत: प्रधानमंत्री नई लोक सभा के चुनाव होने तक पद धारण करता है। यहाँ तक कि लोक सभा का भंग कर दिए जाने पर भी राष्ट्रपति प्रधानमंत्री से कह सकता है कि नई लोक सभा के चुने जाने तक वह पद पर कार्य करता रहे।

प्रधानमंत्री के कार्य


यद्यपि संविधान, प्रधानमंत्री को एक विशिष्ट स्थिति प्रदान करता है लेकिन उसके अधिकारों तथा कार्यों का उल्लेख स्पष्ट रूप से नहीं करता। परंतु संविधान के विभिन्न प्रावधानों से इस बारे में कुछ अभिप्राय निकाल सकते हैं।


1. प्रधानमंत्री, मंत्रियों के चयन और उनमें विभागों के वितरण के बारे में राष्ट्रपति को परामर्श देता है। 
2. यद्यपि संघ सरकार के सारे कार्यपालक अधिकार राष्ट्रपति में निहित होते हैं तथापि वास्तव में प्रधानमंत्री तथा उसकी मंत्रि परिषद् द्वारा ही उनका प्रयोग होता है।
3. प्रधानमंत्री, विभिन्न मंत्रियों के लिए कार्य तय करके उन्हें सौंपता है, मंत्रि परिषद् की बैठकों की अध्यक्षता करता है, मंत्रि परिषद् का अध्यक्ष होने के नाते मंत्रि परिषद् पर प्रधानमंत्री का नियंत्रण रहता है और वह उसके निर्णया को प्रभावित करने में सर्वाधिक शक्तिशाली स्थिति में रहता है।
4. प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और मंत्रि परिषद् के बीच "कड़ी" का कार्य करता है तथा विभिन्न विभागों और मंत्रियों
की नीतियों का समन्वय करता है।
5. वह देश की आतंरिक और विदेशी नीतियों को दिशा देता है तथा सभी विभागों पर नजर रखता है।
6. वह किसी मंत्री से त्याग पत्र देने के लिए कह सकता है।
7. वह लोक सभा का नेता और सरकार का मुख्य प्रवक्ता होता है।
8. प्रधानमंत्री से परामर्श करके लोक सभा अध्यक्ष सदन की कार्य सूची तय करता है इसके अतिरिक्त वह कई
महत्त्वपूर्ण कार्य करता है, जैसे-वह योजना आयोग एवं राष्ट्रीय विकास परिषद का अध्यक्ष भी होता है।


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