सेवा भोज योजना - Seva Bhoj Sarkari Yojna in Hindi

आपने सरकार द्वारा चलाई गयी कई योजनाओ के बारे में सुना होगा , परन्तु आज मैं आपके सामने लाई हु एक ऐसी अनोखी योजना की जानकारी जिसके बारे में जानकर आपको हैरानी भी होगी और साथ ही साथ खुश भी|
सेवा भोज योजना - Sarkari Yojna in Hindi , sarkari yojana
सेवा भोज योजना - Seva Bhoj Sarkari Yojna in Hindi 

       भारत सरकार के संस्‍कृति मंत्रालय ने वर्ष 2018-19 और 2019-20 के लिए कुल 325 करोड़ रुपये की लागत से ‘सेवा भोज योजना’ नामक नई योजना शुरू की है।

क्या है ये योजना -

इस योजना के तहत भोजन/प्रसाद/लंगर(सामुदायिक रसोई)/भंडारे के लिए घी/तेल/आटा/मैदा/रवा, चावल, दाल, चीनी, बुरा/गुड जैसी कच्‍ची सामग्री की खरीदारी पर केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (CGST) और एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (IGST) के केंद्र सरकार के हिस्से को लोगों को निःशुल्क भोजन वितरण हेतु भारत सरकार द्वारा वित्तीय सहायता के रूप में प्रतिपूर्ति की जाएगी। सरकार GST वाला पैसा वापस और देती है ताकि लोगो को निशुल्क भोजन में सहयोग दे सके |

क्यों बनाई गयी यह योजना -

योजना के तहत ‘चैरिटेबल धार्मिक संस्थानों’ द्वारा अनिर्मित खाद्य वस्तुओं की खरीद पर प्रदत्त केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर केंद्र सरकार के हिस्से को लोगों को निःशुल्क भोजन वितरण हेतु भारत सरकार द्वारा वित्तीय सहायता के रूप में प्रतिपूर्ति की जाएगी

योजना की जानकारी -

योजना का नाम -‘सेवा भोज योजना’
कब की गई योजना की घोषणा-एक जून, 2018
किसके द्वारा शुरू की गई योजना-सेंट्रल गवर्नमेंट
किसको मिलेगा लाभ-चैरिटेबल रिलीजियस इंस्टीटूशन्स
योजना का बजट- 325 करोड़
किन चीजों पर किए जाएंगे जीएससी के पैसे रिफंड-भोजन / प्रसाद / लंगर / भंडारा

कैसे किये जायेगे पैसे वापस-

जब चैरिटेबल रिलीजियस इंस्टीटूशन्स लंगर के खाने को बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों को खरीदेंगे, तो उन्हें उन चीजों पर लगने वाले जीएसटी को देना होगा | सामग्रियों को खरीदने के बाद चैरिटेबल रिलीजियस इंस्टीटूशन्स को जो रसीद मिलेगी उनको वो रसीद सरकार को देनी होगा और रसीद के हिसाब से इन इंस्टीटूशन्स ने जितना जीएसटी, खाने की सामग्री को खरीदने के दौरान भरा होगा वो उनको वापस कर दिया जाएंगे|

कौन कर सकता है इस योजना के लिए आवेदन -

मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर के अनुसार केवल उन्हीं चैरिटेबल रिलीजियस इंस्टीटूशन्स को इस स्कीम का फायदा दिया जाएगा जो इंस्टीटूशन्स पांच साल से रजिस्टर्ड हैं , साथ ही जो रिलीजियस इंस्टीटूशन्स हर महीने कम से कम पांच हजार लोगों को लंगर खिलाते हैं |ऐसे लोग ही इस योजना का लाभ पा सकते है |


कैसे करे आवेदन (नामांकन )-

इस योजना के तहत आवेदक सिर्फ एक बार ही आवेदन कर सकता है |यह नामांकन 31 मार्च 2020 तक चलेगा आवेदन आवेदन इस बीच कभी भी करा सकता है |सर्वप्रथम धार्मिक संस्थानों को नीति आयोग के दर्पण पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा।

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