एस्मा कानून -क्या है कैसे लागू होता है || एस्मा कानून की पूरी जानकारी
स्पेशल हाइलाइट्स
- ऐम्सा कानून क्या है ।
- ऐम्सा कानून को कौन लागू कर सकता है ।
- एम्सा कानून को कहां-कहां पर इस्तेमाल किया गया है।
- ऐम्सा कानून में सजा का क्या प्रोविजन है ।
एस्मा ( Essential service umaintenance Act)
कानून एक ऐसा कानून है जिसके लागू होने पर आप कभी भी कोई हड़ताल ( strike) नहीं कर सकते है | कुछ आवश्यक सेवाओं के रखरखाव और समुदाय के सामान्य जीवन के लिए प्रदान करने के लिए एक अधिनियम है ।
हड़ताल को रोकने हेतु एस्मा कानून लगाया जाता है। एस्मा लागू करने से पूर्व कर्मचारियों को किसी समाचार पत्र , नोटिस के द्वारा या अन्य माध्यम से सूचित किया जाता है। एस्मा का नियम अधिकतम ६ माह के लिए लगाया जा सकता है। एस्मा लागू होने के उपरान्त यदि कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध एवं दण्डनीय है।
आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) 1968 में लागू किया गया था, " ये कानून निश्चित सेवाओं और समुदाय के सामान्य जीवन को बनाए रखता है।" अधिनियम में अपने चार्टर में "आवश्यक सेवाओं" की एक लंबी सूची शामिल है - पोस्ट और टेलीग्राफ से लेकर, रेलवे, हवाई अड्डे और पोर्ट संचालन के माध्यम तक - साथ ही यह इन सेवाओं में महत्वपूर्ण कर्मचारियों को हड़ताली से प्रतिबंधित करता है।जम्मू कश्मीर को छोड़कर यह कानून पूरे देश में लगाया जा सकता है । वैसे तो यह कानून केंद्रीय का कानून है लेकिन इसको लागू करना राज्य के ऊपर होता है ।
देश के हर एक राज्य ने इस कानून में थोड़ा सा परिवर्तन करके इसे अपने राज्य का कानून बना लिया है । और ऐसा करने की आजादी उन्हें केंद्र के द्वारा ही दी गई है ।
देश के हर एक राज्य ने इस कानून में थोड़ा सा परिवर्तन करके इसे अपने राज्य का कानून बना लिया है । और ऐसा करने की आजादी उन्हें केंद्र के द्वारा ही दी गई है ।
हाल ही में इस्तमाल हुआ एस्मा कानून -
योगी सरकार के शासन कल में हल ही में एक बार फिर इस्तमाल हुआ यह कानून |माध्यम शिक्षा परिषर के सभी सेवाओं में 6 माह तक की साडी हड़ताल पर रोक लगा दी है |जब भी सरकार को हड़ताल की वजह से किसी भी बाधा का सामना करना पड़ता है तो सरकार एम्स कानून लागु कर सकती है |
जाने कौन कर सकता है इसे लागू -
हालाँकि यह एक केंद्रीय कानून है परन्तु इसे लागु करने की स्वतंत्रता राज्य सरकार के पास भी होती है |इसलिए देश के हर राज्य ने केंद्रीय कानून में थोड़ा परिवर्तन कर अपना अलग अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम बना लिया है।
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क्या है सजा -
इस योजना के तहत किसी भी कर्मचारी को बिना किसी वॉरन्ट के गिरफ्तार किया जा सकता है। हड़तालियों को छह माह तक की कैद या 250 रुपये दंड अथवा दोनों हो सकते हैं।
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दोस्तों उम्मीद है कि आपको इस पोस्ट से ऐसा कानून के बारे में सही और सटीक जानकारी मिली होगी । अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं आपके प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद ।
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