Breaking News-छात्र ने पीएम मोदी को डिस्लेक्सिक बच्चों के बारे में बताया, उन्होंने मज़ाक उड़ाया

एक इंजीनियरिंग छात्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ऐसे कार्यक्रम के बारे में बताया, जो डिस्लेक्सिक बच्चों  (ऐसे बच्चे जिन्हे पढ़ने लिखने में कठिनाई होती है )की मदद कर सकता है जो पढ़ने और लिखने में कठिनाइयों का सामना करते हैं।


प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को सोशल मीडिया पर रविवार को एक वीडियो क्लिप के रूप में आलोचना का सामना करना पड़ा ,कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के कहने के अनुसार मोदी जी को मज़ाक डिस्लेक्सिया पर मजाक उड़ाते हुए दिखाया साथ ही उनकी मां सोनिया गांधी को ट्विटर पर पूर्ण रूप से साझा किया । उनके अनुसार प्रधानमंत्री ने महिलाओं और बच्चों से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी-संचालित समाधान खोजने के लिए एक प्रतियोगिता में भाग लेने वाले हजारों छात्रों को लाइव बातचीत के दौरान मजाक बनाया था।



     उस कार्यक्रम में देहरादून के एक इंजीनियरिंग छात्र ने प्रधानमंत्री को एक ऐसे कार्यक्रम के बारे में बताया, जो डिस्लेक्सिक बच्चों की मदद कर सकता है जो पढ़ने और लिखने में कठिनाइयों का सामना करते हैं।उसने कहा, "हमारे पास डिस्लेक्सिक बच्चों की मदद करने का अच्छा उपाय है ,जिसके द्वारा वह उन बच्चो की मदद करेंगे जिनकी सीखने और लिखने की गति बहुत धीमी है। लेकिन उनके पास उच्च बुद्धि और रचनात्मकता का स्तर है जैसा कि आपने फिल्म तारे ज़मीन पर ... में देखा है।"
इस बात पर प्रधानमंत्री ने छात्र से एक प्रश्न पूछा-क्या यह कार्यक्रम 40-50 साल के बच्चे के लिए भी काम करेगा? पीएम मोदी ने छात्रों को हंसी का पात्र बनाते हुए पूछा।इस बात पर  कई लोगो ने तालिया बजा दी जिससे हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा |
उसके साथियों द्वारा प्रेरित, छात्र ने उत्तर दिया: हां सर, यह काम करेगा।
इस बात की सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना हुई, जिसमें विपक्ष के सदस्य भी शामिल थे |

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