अन्धविश्वास और उसके तर्क--Superstition and its logic

हमारे समाज में बहुत सारे अन्धविश्वास है जिन्हे लोग बड़ी ही मुद्दत के साथ निभाते है | अन्धविश्वास कुछ ऐसे नियम है, जिन्हे हमारे पूर्वजो ने बनाये थे जिनके कारण भी थे ,परन्तु समय गुजरते उसकी आवश्यकता नहीं रही परन्तु अपने वो पुराने नियम बिना कारण जाने लोग निभाए जा रहे है और उसका पालन किये जा  रहे है | अब उन नियमो को निभाने की आवश्यकता भी नहीं रही | आज मैं आपके सामने ले कर आई हूँ कुछ ऐसे ही अन्धविश्वास जिन्हे लोग मान रहे है बिना उसके कारण जाने |


1) सूर्य डूबने के बाद घर में झाड़ू नहीं लगाया जाता है |

तर्क- पहले के समय में बिजली नहीं होती थी ,लोग दिया जलाकर अपना काम करते है ज्यादातर काम तो वो सूर्यास्त से पहले कर लेते थे पहले लोगो का मानना था की अगर सूर्यास्त के बाद झाड़ू लगाएंगे तो कम रोशनी होने के कारण कोई आवश्यक और कीमती वस्तु खो ना जाये |आज कल तो पर्याप्त रोशनी है , परन्तु इंसान फिर भी उस परंपरा को निभाय जा रहा है |


2) सूर्यास्त के बाद नाख़ून नहीं काटने चाहिए |

तर्क- इस अन्धविश्वास का कारण भी कम रोशनी होना है पहले रोशनी पर्याप्त नहीं थी , जिसके कारण अँधेरे में नाख़ून काटने से ऊँगली काटने का खतरा रहता था | इसलिए लोग रात में नाख़ून काटने से कतराते थे परन्तु अब ऐसा नहीं है , परन्तु लोग आज भी यही धारणा बनाये हुए है |

3) टूटा हुआ दर्पण घर पर नहीं रखना चाहिए |

तर्क- टूटा हुआ दर्पण घर में रखने से किसी को भी चोट लग सकती है , इसलिए पहले के लोगो ने बोला की घर में टूटा दर्पण नहीं रखना चाहिए और इसे बोला गया की अशुभ होता है मतलब की टूटा दर्पण घर में रखने से अशुभ चीजे होने लगती है और आज भी लोग उसी बात को दिमाग में रखते है |

4) सूर्यास्त के बाद पेड़ से फूल नहीं तोड़ने चाहिए |

तर्क- बुजुर्गो के मुँह से हम सभी ने सुना ही होगा की सूर्यास्त के बाद या रात में फूल नहीं तोडना चाहिए , क्यूंकि रात को पेड़ पौधे सोते है परन्तु असलियत में क्या होता है ये कोई नहीं जानता न ही कोई जानने की कोसिस करता है पहले के लोग इसलिए बोलते थे की रात में फूल नहीं तोडना चाहिए क्यूंकि अँधेरे में कही कोई जहरीला कीड़ा न काट ले बच्चे आसानी से उनकी बात नहीं सुनते इसलिए उन्होंने पौधे सोते है और अशुभ होता है जैसे तर्क देने लगे जो की गलत है |

5) बिल्ली के रास्ता काटने के बाद सड़क नहीं पार करनी चाहिए |

तर्क- पहले के समय में वाहन बैलगाड़ी होता था और बैलगाड़ी जंगल से होकर गुजरती थी | जहाँ पर खतरनाक जानवर रहते थे| तो जब बिल्ली सामने से गुजरती थी तो ये सोचकर कहीं उसके पीछे कोई खतरनाक जानवर न हो इसलिए लोग कुछ देर इंतज़ार करते थे , कुछ समय बीतने के बाद ही आगे बढ़ते थे आज के युग में ऐसा घना जंगल नहीं है परन्तु लोग आज भी बिल्ली के रास्ता काटने के बाद कुछ समय इंतज़ार करने के बाद ही आगे बढ़ते है वो भी बिना किसी कारण के  |

6) चमगादड़ के घर में प्रवेश पर मौत की आशंका जताई जाती है |

तर्क- चमगादड़ की कुछ प्रजातियां रक्त चूसती तथा कुछ के काटने से जानलेवा बीमारिया होती है ऐसे में जान जाने की आशंका बनी रहती है | इसलिए कहा जाता है की घर में चमगादड़ के प्रवेश करने से घर के किसी न किसी व्यक्ति की जान जाने की आशंका बनी रहती है |

7) शरीर में छिपकली गिरना मौत का संकेत माना जाता है |

तर्क- हमारे घर के लोगो का कहना होता है की जिस व्यक्ति के ऊपर छिपकली गिरती है उसके मौत का संकेत देती है दरअसल होता क्या है की कुछ छिपकली जहरीली होती है और जब वो मनुष्य के संपर्क में आती है तो अपनी सुरक्षा के लिए जहरीले पदार्थ को निकलती है जो की मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है | लोगो का कहना की छिपकली गिरने से मौत हो जाती है का कोई तर्क नहीं है |

8) महिलाओ को रोजाना बाल नहीं धोना चाहिए |

तर्क- रोज बाल धोने से बाल ख़राब हो जाते है साथ ही रोज बाल धोने से साबुन और पानी भी ज्यादा लगता है क्यूंकि महिलाओ के बाल बड़े होते है तो समय भी बर्बाद होता है और उनके बाल बांधने के कारण गंदे भी जल्दी नहीं होते है इसलिए लोगो के बीच ये धारणा बनी हुई है की रोज बाल धोना अशुभ होता है |

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