बच्चो को अनुशाशन सिखाने के लिए माता - पिता लाये ये बदलाव || Follow these rules to discipline children

बच्चो को अनुशाशन सिखाने के लिए माता - पिता लाये ये बदलाव -




आज कल भागदौड़ वाली ज़िन्दगी हो गयी है | हर इंसान इतना व्यस्त हो गया है कि उसे अपने अलावा किसी और के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है | हमारे आस पास कौन रह रहा है इसका पता भी तब ही चलता है जब कोई कार्यक्रम में मिलना होता है | ऐसे में बच्चो का ध्यान रखना , उनकी छोटी बड़ी बातो को जानना माता - पिता के लिए कठिन होता जा रहा है |आज कल माता - पिता दोनों ही आर्थिक स्थति मजबूत करने के लिए नौकरी करते है जिसके कारण वो बच्चो पर ध्यान नहीं दे पाते है और न ही उन्हें अनुशाशित कर पाते है |
   


     बच्चो को अनुशाशित रखने के लिए हमें कुछ महत्वपूर्ण बातो का ध्यान रखना चाहिए | बच्चो में अनुशाशन का गुण लाने के लिए अभिवावक को भी कुछ बदलाव लाने होंगे | आइये आज बात करते है उन्ही बदलावो के बारे में जिससे हमारे बच्चे अनुशाशित हो |

नियम -


1) माता - पिता का जीवन व्यवस्थित हो -

घर बच्चो का पहला स्कूल होता है और माता पिता बच्चो के पहले गुरु | इसलिए अगर बच्चो को अनुशाशन में रखना है तो पहले माता - पिता स्वयं को व्यवस्थित करे | पहले वो नियम से रहे उन्हें देखकर बच्चे सीखेंगे |माता - पिता को अनुशाशित और व्यवस्थित जीवन यापन करना चाहिए | अगर हम नियम से चलेंगे तो बच्चे भी हमें देखकर बच्चे भी उसी प्रकार जीवन जीयेगे |

2) गुस्सा या चिड़चिड़ापन न रखे -




ज्यादा गुस्सा करने से बच्चो में एक डर पैदा हो जाता है और वो हमसे बात करना बंद कर देते है | हमारे स्वाभाव की कठोरता उनके कोमल दिल में इतना डर पैदा कर देते है कि बच्चे आपसे दूरी बना लेते है |इसलिए अपने व्यवहार में परिवर्तन लाये ताकि बच्चे आपसे मिलनसार हो और आपको अपने दोस्त की तरह माने और आपको सम्मान दे |

3) बच्चो में भेद - भाव न करे -


कई बार माता - पिता बच्चो में भेद - भाव करते है फिर चाहे लड़का - लड़की में या फिर छोटे - बड़े में | बच्चो में भेद - भाव न करे उससे बच्चो में हीन भावना आती है और बच्चे आपस में नफरत करने लगते है | इसलिए भेद - भाव करने से बचे | बच्चो को समान रूप से प्रेम करे और उन्हें बराबर ही डांटे |

4) सम्मान की भावना रखें -


दूसरों के लिए आदर और सम्मान की भावना हमारे अनुशासित होने की सबसे बड़ी निशानी है। जब बच्चे हमें बड़ो का सम्मान करते हुए देखते है तो वो हमसे प्रेरित होते है |बच्चों में यह खूबी उनकी अच्छी परवरिश और संस्कारी होने को भी जाहिर करती है |जब बच्चे दुसरो का सम्मान करते है तो इससे हमारी परवरिश कि सराहना होती है | इससे हमें भी ज्ञात होता है कि हमारी परवरिश सही दिशा में है | बच्चो का दुसरो के प्रति सम्मान भाव हमें गर्व महसूस कराता है |

5) सदैव सत्य के साथ रहे - 

झूठ न बोले | सदा सत्य के साथ रहे | कभी कभी हम बच्चो के सामने छोटे - झूठ बोल देते है जो बच्चो को झूठ बोलने के लिए प्रेरित करते है | जीवन में कैसा भी समय आये परन्तु झूठ न बोले | इससे बच्चे अपने जीवन में सत्य की राह पर चलने का प्रयास करेंगे |

6) ईमानदार रहे -


यदि आप चाहते है की आपके बच्चे ईमानदारी और सादगी से भरे जीवन को किये तो आपको उनके लिए वैसा ही जीवन जीना होगा | आपको उनके लिए एक मिशाल कायम करनी होगी |

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