महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA)

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA)

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA)



महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) भारत सरकार की एक प्रमुख सामाजिक सुरक्षा योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना और आजीविका के अवसर बढ़ाना है। इसे 2005 में लागू किया गया था और यह दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार योजनाओं में से एक है।


MGNREGA के प्रमुख उद्देश्य:

  1. ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा – प्रत्येक ग्रामीण परिवार को 100 दिनों के गारंटीकृत रोजगार की सुविधा प्रदान करना।
  2. गरीबी उन्मूलन – गरीब और बेरोजगार ग्रामीण परिवारों को न्यूनतम मजदूरी देकर उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करना।
  3. स्थायी विकास – जल संरक्षण, सड़क निर्माण, सिंचाई सुविधाएँ, वृक्षारोपण और अन्य परिसंपत्तियों का निर्माण करना।
  4. महिला सशक्तिकरण – इस योजना में महिलाओं को 33% आरक्षण दिया गया है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
  5. स्थानीय शासन को मजबूत बनाना – पंचायतों और स्थानीय निकायों को रोजगार उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दी गई है।


MGNREGA के तहत प्रमुख प्रावधान:

100 दिनों का रोजगार गारंटी – हर परिवार को न्यूनतम 100 दिनों का मजदूरी वाला काम दिया जाता है।
मजदूरी का समय पर भुगतान – कार्य पूरा होने के 15 दिनों के भीतर मजदूरी का भुगतान अनिवार्य है।
सामाजिक अंकेक्षण (Social Audit) – काम की गुणवत्ता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सामाजिक अंकेक्षण की व्यवस्था है।
काम न मिलने पर भत्ता – अगर सरकार 15 दिनों के अंदर काम देने में विफल रहती है, तो बेरोजगारी भत्ता देना होगा।
महिला भागीदारी – कार्यस्थलों पर महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए जाते हैं।

MGNREGA से होने वाले लाभ:

ग्रामीण बेरोजगारी में कमी – लाखों लोगों को रोजगार मिला, जिससे पलायन कम हुआ।
ग्रामीण बुनियादी ढांचे में सुधार – सड़कों, जलाशयों, सिंचाई व्यवस्था और अन्य निर्माण कार्यों से गाँवों का विकास हुआ।
पर्यावरण संरक्षण – जल संरक्षण और वृक्षारोपण के माध्यम से पर्यावरण को सुरक्षित किया गया।
महिलाओं का सशक्तिकरण – ग्रामीण महिलाओं को काम के अवसर मिले और वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनीं।

MGNREGA से जुड़ी चुनौतियाँ:

भ्रष्टाचार और फर्जी जॉब कार्ड – कुछ जगहों पर मजदूरी भुगतान में गड़बड़ी होती है।
समय पर भुगतान न होना – मजदूरों को समय पर वेतन नहीं मिल पाता, जिससे असंतोष बढ़ता है।
काम की गुणवत्ता पर सवाल – कई बार बनाए गए ढांचे टिकाऊ नहीं होते हैं।
तकनीकी समस्याएँ – जॉब कार्ड रजिस्ट्रेशन और वेतन भुगतान में तकनीकी दिक्कतें आती हैं।

निष्कर्ष:

MGNREGA ग्रामीण भारत में रोजगार और आर्थिक स्थिरता लाने के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। हालांकि, इसकी प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए पारदर्शिता, जवाबदेही और समय पर वेतन भुगतान जैसी चुनौतियों का समाधान करना आवश्यक है।

यह योजना न केवल गरीबों के जीवन स्तर में सुधार लाने का काम करती है, बल्कि सतत विकास और ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

अगर आपको MGNREGA से जुड़ी कोई और जानकारी चाहिए, तो बताइए!

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