सिकन्दर के आक्रमण के बारे में बताए(Attack of sikandar)-
सिकन्दर ने भारत पर 326 ई. पू. में आक्रमण किया। यह दक्षिण पूर्व यूरोप में स्थित मकदूनिया राज्य का राजा था जो अपने पिता फिलिप (द्वितीय) की मृत्यु के बाद राज गद्दी पर बैठा था। उसने फारस के सभी राजाओं को हरा कर विजय पाई और भारत को जीतने का संकल्प लिया। उसने हिन्दुकुश पर्वत पार करके पुरु राज्य पर आक्रमण किया जिसका राजा पौरव या पौरस था। उसने झेलम नदी पार की । उसकी सहायता आम्भी ने की जो तक्षशिला का राजा था। पुरु के स्वामी पौरस ने अपनी 30,000 (तीस हजार ) सैनिकों (हाथी, घोड़े आदि सहित विशाल वाहिनी) द्वारा भयंकर युद्ध करते हुए सिकन्दर का डट कर मुकाबला किया। ग्रीक इतिहासकारो के अनुसार अंत में पौरस पर सिकन्दर ने विजय प्राप्त की परन्तु पौरस की वीरता से प्रभावित होकर उसने उसका राज्य वापस लौटा दिया। कुछ इतिहासकार इस बात से सहमत नहीं हैं। उनके अनुसार यदि सिकन्दर ने पौरस को हराया होता तो वह आगे बढ़ता और उसके राज्य को कभी वापस न करता। उसने तो विश्व - विजय का सपना देखा था। पौरस के साथ युद्ध करते हुए सिकन्दर को भारी धन जन की हानि उठानी पड़ी। उसके बहुत से सैनिक मारे गए। बचे हुए सैनिकों ने आगे बढ़ने से इन्कार कर दिया। मालव कबीलों के साथ संघर्ष करते हुए सिकन्दर बुरी तरह से घायल हो गया । वह बिलोचिस्तान के रेगिस्तानी रास्ते से वापस बेबीलोन पहुँच गया जहाँ 323 ई. पू. में उसकी मृत्यु हो गई।
सिकन्दर के गुरु अरस्तू थे और उसका प्रधान सेनापति सिल्यूकस निकेतर था। सिकन्दर द्वारा जीते गए क्षेत्रों में ( भारत की उत्तर पश्चिमी सीमाओं पर ) बहुत दिनों तक उसके प्रतिनिधि राज्य नहीं चला पाए और उस आक्रमण का प्रभाव शीघ्र - ही समाप्त हो गया।
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