मगध राज्य (600 ई. पू.424 ई. पू.) की स्थापना कब हुई

 मगध राज्य (600 ई. पू.424 ई. पू.) की स्थापना कब हुई 

मगध राज्य (600 ई. पू.424 ई. पू.) की स्थापना कब हुई


मगध राज्य एक महत्त्वपूर्ण शक्ति के रूप में 600 ई. पू. के लगभग विकसित हुआ। पुराणों के अनुसार मगध राज्य की स्थापना बृहद्रथ ने की जो भरतवंशी महाराज कुरु की छठी पीढ़ी में हुआ था। यह एक शक्तिशाली राजा था जिसका पुत्र जरासंध था जिसे महाभारत युद्ध में भीम ने मारा था । 


वायु पुराण के अनुसार प्रद्योत राजाओं के राज करने के उपरान्त बृहद्रथ राजा बना था। प्रद्योतों ने 138 (एक सौ अड़तीस) वर्ष राज्य किया। प्रद्योतों को यह राज्य हर्यानकों से मिला जो 684 (छ: सौ चौरासी) ई. पू. तक विद्यमान थे। इनकी राजधानी राजगृह थी, बाद में पाटलीपुत्र हुई (आजकल जहाँ पटना है ) । इस राजवंश का राज्य 424 ई. पू. तक रहा। इसके बाद शिशु नाग राजवंश की स्थापना हुई। 


बिंबिसार ने अपने राज्य की सीमाओं का विस्तार विजयों और विवाह सम्बंधों के द्वारा किया। बिम्बिसार (543 से 493 ई. पू.) अपने पुत्र अजात शत्रु द्वारा कैद किया गया और मार डाला गया। अजात शत्रु ने (491 461 ई. पू.) राज किया। अजात शत्रु ने राज्य की सीमाओं का दूर दूर तक विस्तार किया और राजधानी राजगृह से हटा कर पाटलीपुत्र में स्थापित की। इसके बाद शिशुनाग वंश ने राज किया किन्तु यह राजवंश आपसी कलह के कारण नष्ट हो गया। फिर मगध पर नन्द वंश का राज हुआ जिसकी स्थापना महापद्म नन्द ने की। यह महापद्म नंद शिशुनागवंशी अंतिम सम्राट् महानन्द का जार पुत्र था। नंद वंश का अंतिम सम्राट् धन नंद था जिसके बाद मौर्य वंश की स्थापना हुई।


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