हिंदी कविता - पुस्तक और प्यारे पेड़

पुस्तक 
ज्ञान का भंडार है पुस्तक,
सच्चे स्वर्ग क द्वार है पुस्तक |
करे अँधेरे में उजियारा,
जीवन का उद्दार है पुस्तक |

दूर करे ये मन का अँधेरा,
जीवन में हो नया सवेरा |
जितना ज्यादा पढ़ते जाते,
उतना बढे ज्ञान का घेरा |


मन की आंखे खोले पुस्तक,
पढ़ो -पढ़ी सब बोले पुस्तक |
ज्ञान भरी बाते सिखलाती,
नया राज सब खोले पुस्तक |

पेड़ -

एक एक पेड़ सब लगाए,
पेड़ करोडो ही उग आये |
धरती हरी भरी हो जाए,
फिर रोगो को दूर भगाये ||

काटे अनगिनत पेड़ मनुष्य ने ,
लालच ने उसको उकसाया |
अच्छे सच्चे मित्र पेड़ है,
इतना नहीं समझ वो पाया ||


अरे कुल्हाड़ी को तुम रोको,
धरती नष्ट अब होती है |
जब जब कोई पेड़ काटता,
धरती माता रोटी है ||

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