माँ, कह एक कहानी,
राजा था या रानी
माँ, कह एक कहानी
तू है हठी मानधन मेरे,
सुन उपवन में बड़े सवेरे,
तात भ्रमण करते थे तेरे,
जहाँ सुरभि मनमानी |
जहाँ सुरभि मनमानी,
हाँ माँ! यही कहानी |
वर्ण - वर्ण के फूल खिले थे ,
झलमल कर हिम - बिंदु मिले थे,
हलके झोंके हिले मिले थे,
लहराता था पानी |
लहराता था पानी,
हाँ - हाँ! यही कहानी |
गाते थे खग सुमधर स्वर में,
सबसे एक हंस ऊपर से,
गिरा बिद्ध होकर खर शर से,
हुई पक्षी को हानि |
हुई पक्षी को हानि,
राजा था या रानी
माँ, कह एक कहानी
तू है हठी मानधन मेरे,
सुन उपवन में बड़े सवेरे,
तात भ्रमण करते थे तेरे,
जहाँ सुरभि मनमानी |
जहाँ सुरभि मनमानी,
हाँ माँ! यही कहानी |
माँ, कह एक कहानी- A Hindi Poem |
वर्ण - वर्ण के फूल खिले थे ,
झलमल कर हिम - बिंदु मिले थे,
हलके झोंके हिले मिले थे,
लहराता था पानी |
लहराता था पानी,
हाँ - हाँ! यही कहानी |
गाते थे खग सुमधर स्वर में,
सबसे एक हंस ऊपर से,
गिरा बिद्ध होकर खर शर से,
हुई पक्षी को हानि |
हुई पक्षी को हानि,
करुणा भरी कहानी |
चौक उन्होंने उसे उठाया,
नया जन्म सा उसने पाया,
इतने में आखेटक आया,
लक्ष्य सिद्धि का मानी |
लक्ष्य सिद्धि का मानी,
कोमल कठिन कहानी |
माँगा उसने आहत पक्षी,
तेरे तात किन्तु थे रक्षी,
तब उसने जो था खग भक्षी,
हठ करने की ठानी |
हठ करने की ठानी,
माँगा उसने आहत पक्षी,
तेरे तात किन्तु थे रक्षी,
तब उसने जो था खग भक्षी,
हठ करने की ठानी |
हठ करने की ठानी,
अब बढ़ चली कहानी |
हुआ विवाद सदय - निर्दय में,
उभय आग्रही थे स्व -विषय में,
गयी बात तब न्यायालय में,
सुनी सभी ने जानी |
सुनी सभी ने जानी ,
व्यापक हुई कहानी |
राहुल निर्णय कर इसका,
नये पक्ष लेता है किसका,
कह निर्भय जय हो जिसकी,
सुन लू तेरी बानी |
माँ मेरी क्या बानी,
मैं सुन रह कहानी |
कोई निरपराध को मारे,
तो की अन्य उसे न उबरे,
रक्षक पर भक्षक को वारे ,
न्याय दया का दानी,
न्याय दया का दानी,
तूने गुनी कहानी |
हुआ विवाद सदय - निर्दय में,
उभय आग्रही थे स्व -विषय में,
गयी बात तब न्यायालय में,
सुनी सभी ने जानी |
सुनी सभी ने जानी ,
व्यापक हुई कहानी |
राहुल निर्णय कर इसका,
नये पक्ष लेता है किसका,
कह निर्भय जय हो जिसकी,
सुन लू तेरी बानी |
माँ मेरी क्या बानी,
मैं सुन रह कहानी |
कोई निरपराध को मारे,
तो की अन्य उसे न उबरे,
रक्षक पर भक्षक को वारे ,
न्याय दया का दानी,
न्याय दया का दानी,
तूने गुनी कहानी |
0 Comments