अभी समय है, कुछ नहीं बिगड़ा है
देखो अभी सुयोग, तुम्हारे पास खड़ा है
करना है जो काम, उसी में मन लगा दो
अपने पर विश्वास करो, संदेह मिटा दो |
पूर्ण तुम्हारा मनोभीष्ट, क्या कभी ना होगा
होगा तो बस अभी, नहीं तो कभी न होगा
देख रहे हो ,श्रेष्ठ समय के किस सपने को
घुलते हो यूँ हाय स्वयं ही, क्यों अपने को |
आएगा क्या समय, जो चला जा रहा है
देखो जीवन व्यर्थ ही, तुम्हारा छला जा रहा है
तो पुरुष की भांति खड़े हो, जाओ अभी भी
कुछ करके जग के बीच बड़े हो जाओ अभी भी |
तुच्छ कभी भी ना तुम, एक पल को जानो
पल पल से बना हुआ, जीवन ही मनो
इसके सद्व्यय रूप, नीर सिचान के द्वारा
हो सकता है जन्म सार्थक, हो यहाँ तुम्हारा |
ऐसा सुसमय भला और तुम कब पाओगे
खोकर पीछे इसे सर्वदा पछताओगे
ऐसा कोई काम नहीं जो तुम न कर पाओ
हो इसमें परमार्थ और तुम भी सुख पाओ |
देखो अभी सुयोग, तुम्हारे पास खड़ा है
करना है जो काम, उसी में मन लगा दो
अपने पर विश्वास करो, संदेह मिटा दो |
पूर्ण तुम्हारा मनोभीष्ट, क्या कभी ना होगा
होगा तो बस अभी, नहीं तो कभी न होगा
देख रहे हो ,श्रेष्ठ समय के किस सपने को
घुलते हो यूँ हाय स्वयं ही, क्यों अपने को |
आएगा क्या समय, जो चला जा रहा है
देखो जीवन व्यर्थ ही, तुम्हारा छला जा रहा है
तो पुरुष की भांति खड़े हो, जाओ अभी भी
कुछ करके जग के बीच बड़े हो जाओ अभी भी |
तुच्छ कभी भी ना तुम, एक पल को जानो
पल पल से बना हुआ, जीवन ही मनो
इसके सद्व्यय रूप, नीर सिचान के द्वारा
हो सकता है जन्म सार्थक, हो यहाँ तुम्हारा |
ऐसा सुसमय भला और तुम कब पाओगे
खोकर पीछे इसे सर्वदा पछताओगे
ऐसा कोई काम नहीं जो तुम न कर पाओ
हो इसमें परमार्थ और तुम भी सुख पाओ |
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