एक बार सृष्टि की रचना करने वाले भगवान शिव संसार के आलस्य तथा कामचोरी की प्रवत्ति देखकर रूष्ट हो गए और उन्हीने अपना शंख जिसे बजाने से पृथ्वी पर वर्षा होती थी , कभी न बजने का निर्णय लिया |पृथ्वी पर वर्षा होनी बंद हो गयी | कुछ ही दिनों में पृथ्वी पर सूखे की स्थति आ गयी | इसका सबसे अधिक प्रभाव कृषि क्षेत्र पर पड़ा | किसानो ने खेतो पर जाना छोड़ दिया , क्यूंकि वर्षा न होने के कारण सिंचाई के लिए पानी की कोई व्यवथा न थी |
परन्तु एक किसान रोज अपने बैल तथा हल लेकर अपने खेत पर जाया करता था |यह देख भगवान शिव बहुत ही आश्चर्यचकित हो गए |उन्होंने मानव के रूप धारण क्र पृथ्वी पर जाकर उस किसान से पूछा कि वह सूखे की स्थति में भी अपने बैल और खेत हल लेकर खेत पर क्यों जाते हो ?किसान में जवाब कहा कि वह रोजाना अपने बैलों और हल को लेकर खेत पर इसलिए जाता है ताकि उसकी तथा बैलो कि कार्य करने की आदत छूट न जाये | भगवान् शिव उसकी बात से प्रभावित हुए और सोचने लगे कि उन्होंने स्वयं भी अपना शंख काफी समय से नहीं बजाया | कहीं वो शंख बजाना भूल तो नहीं गए ? यह सोचकर वो तुरंत अपने धाम लौटे और अपना शंख निकालकर बजाने लगे | शिव जी का शंख बजते ही बादल छाए और पृथ्वी पर वर्षा हो गयी |
परिस्थितियां चाहे कैसी भी हों हमें अपना कर्म करना नहीं छोड़ना चाहिए
Written by Gulshan jagga
शिव जी का शंख- A Motivationa Hindi Story |
परन्तु एक किसान रोज अपने बैल तथा हल लेकर अपने खेत पर जाया करता था |यह देख भगवान शिव बहुत ही आश्चर्यचकित हो गए |उन्होंने मानव के रूप धारण क्र पृथ्वी पर जाकर उस किसान से पूछा कि वह सूखे की स्थति में भी अपने बैल और खेत हल लेकर खेत पर क्यों जाते हो ?किसान में जवाब कहा कि वह रोजाना अपने बैलों और हल को लेकर खेत पर इसलिए जाता है ताकि उसकी तथा बैलो कि कार्य करने की आदत छूट न जाये | भगवान् शिव उसकी बात से प्रभावित हुए और सोचने लगे कि उन्होंने स्वयं भी अपना शंख काफी समय से नहीं बजाया | कहीं वो शंख बजाना भूल तो नहीं गए ? यह सोचकर वो तुरंत अपने धाम लौटे और अपना शंख निकालकर बजाने लगे | शिव जी का शंख बजते ही बादल छाए और पृथ्वी पर वर्षा हो गयी |
परिस्थितियां चाहे कैसी भी हों हमें अपना कर्म करना नहीं छोड़ना चाहिए
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