किसी अचल संपत्ति को किसे और कैसे दान किया जा सकता है || How to Gift Immovable Property and To Whom

समस्या :- मेरे एक बेटी है बेटा नहीं है । मैं चाहता हूं कि अपनी संपत्ति अपने भतीजे को नाम कर दू । उसके लिए दान पत्र कैसे लिखे । सादा कागज पर लिख सकते हैं या फिर रजिस्ट्री करवाये । क्या दान पत्र की रजिस्ट्री कराना जरूरी है और उसके नियम क्या है कृपया बताएं ?

किसी अचल संपत्ति को किसे और कैसे दान किया जा सकता है, gift deeed kya hai
किसी अचल संपत्ति को किसे और कैसे दान किया जा सकता है

समाधान:-  यदि संपत्ति आपकी स्व अर्जित संपत्ति है यानी कि सेल्फ एक्वायर्ड प्रॉपर्टी है या फिर यह कह लीजिए वह प्रॉपर्टी आपने खूद से कमाई है ।  तो आप ऐसी संपत्ति को भतीजे क्या किसी को भी दान कर सकते हैं । लेकिन अगर आपकी संपत्ति पुश्तैनी संपत्ति है तो 2005 से  पुश्तैनी संपत्ति में बेटी का भी अधिकार है । यदि आपकी एक ही बेटी है तो आपके पास जितनी भी संपत्ति है उसमें आधा हिस्सा आपकी बेटी का है । आप केवल अपना हिस्सा ही अपने भतीजे को दान कर सकते हैं बेटी वाला आधा हिस्सा नहीं कर सकते ।
               दान पत्र से अचल संपत्ति का हस्तांतरण करना ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी माना जाता है । जिस कारण से इसका रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है और इसके रजिस्ट्रेशन में उतना ही  खर्च और स्टैंप ड्यूटी लगती है जितना कि आप उस प्रॉपर्टी को बेचते तब लगता । और इसकी जानकारी आप अपने इलाके की सब रजिस्ट्रार के कार्यालय से ले सकते हैं  ।सभी राज्यों में अलग-अलग स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज लगते है क्योकि इसकी दरे हर राज्य मे अलग अलग होती है ।

         इसमें एक बात हमेशा ध्यान रखनी होगी कि अगर आपने एक बार अपनी संपत्ति को दान कर दिया तो अगर आपको बाद में ऐसा लगता है कि भतीजा सही नहीं है । और आपने उसके नाम संपत्ति को दान करके गलती की है, तो आप उस दान पत्र को रद्द करके संपत्ति को वापस नहीं पा सकते । आपका भतीजा उस संपत्ति को आपको वापस देने से मना कर सकता है । इसकी जगह पर अगर आप भतीजे को संपत्ति देना ही चाहते हैं, बेहतर होगा कि आप उस संपत्ति को वसीयत करके उसे रजिस्टर करा दें । इससे आपके भतीजे को वह संपत्ति आपके जीवन काल के अंतराल में तो नहीं मिलेगी  । आपके मरने के बाद ही मिलेगी, इससे फायदा यह होता है कि अगर आपको ऐसा लगता है कि संपत्ति आपको अपने भतीजे को या किसी को दान में नहीं देना चाहिए, तो आप अपनी वसीयत को जितनी बार चाहे बदल सकते हैं । आप जब तक जिंदा रहते हैं आप का ही अधिकार उस संपत्ति पर रहता है ।

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