जीवन के उतार - चढ़ाव - Motivational poem

जीवन के उतार - चढ़ाव - Motivational Thought by poem


विशेष कवियों और शायरों की ख़ास रचना के अंश जो जीवन को दिशा देते है |

आज हम कुछ महत्वपूर्ण  बाते कविता के जरिये बतायेंगे जो आपको जीवन मे होने वाले उतार चढाव को दर्शाता है | इस कविता के माध्यम से कवि लोगों को जीवन के महत्व के बारे मे बताना चाहता है | अपने जीवन को अच्छे कर्मों द्वारा महान बनाया जा सकता है |साथ ही लोग हमे युगों युगों तक याद रखे उसके लिए किस प्रकार का जीवन जीना चाहिए ये सब भी यहाँ दर्शाया गया है |




पहला सुख निरोगी काया ,
दूजा सुख घर में हो माया |
तीजा सुख कुलवंती नारी ,
चौथा हो पुत्र आज्ञाकारी ||

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जब तुम जग में आये थे,
जग हँसा तुम रोये |
ऐसी करनी कर चलो ,
तुम हसो जग रोये ||

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गमो की आंच पर उबाल कर देखो,
बनेगे रंग किसी पर भी डाल कर देखो |
तुम्हारे दिल की चुभन भी जरूर काम होगी ,
किसी के पाँव से काटा निकलकर तो देखो ||

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आंधी तने वृक्षों को पटक जाएगी |
वो शाख बचेगी , जो लचक जाएगी ||

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तेरा जहान बड़ा है , तमाम होगी जगह
उसमे थोड़ी जगह मेरी मुक़र्रर कर दे |
मैं ईंट - गारे वाले घर का तलबगार नहीं
तू मेरे नाम मुहब्बत का एक शहर कर दे |

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खुदा ने सपने में कहा ,
अपने गमो की यु नुमाइश न कर ,
अपने नसीब की यू आजमाइश ना कर ,
जो तेरा है तेरे दर पर जरूर आएगा ,
रोज़ - रोज़ उसे पाने की ख़्वाइश न कर |

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वक्त का पता नहीं चलता अपनों के साथ ,
अपनों का पता नहीं चलता वक्त के साथ ,
वक्त नहीं बदलता किसी के साथ ,
पर अपने बदल जाते है वक्त के साथ |

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