परेशानी का हल -A logical story


राकेश सुबह से देख रहा था कि रागनी बहुत परेशान है , बात बात पर चिड़चिड़ा रही थी , गुस्सा हो रही थी | राकेश उसे शांत करने की कोशिश कर रहा था , पर रागनी उसकी किसी न किसी बात पर गुस्सा करती जा रही थी | राकेश देखो तुमने फिर से गीला तौलिया बेड पर रक्खा है , क्या बच्चो की तरह कपडे फैला रक्खे है , अरे यार ! तुमने आज फिर से मेरा कंघा इस्तमाल किया है और बहुत कुछ बोल रही थी | राकेश उसकी बात सुन रहा था और धीरे से मुस्क़ुरा रहा था , फिर उसके पास गया और उसका हाँथ अपने हाँथ पर रखकर बोला -" पहले तुम इधर आओ" और  उसे बेड पर बैठा कर खुद नीचे बैठकर बड़े प्यार से पूछा - "क्या बात है मुझे बताओ ","क्या बताऊ तुम्हे ! तुम नहीं समझोगे | मुझे किसी से कुछ नहीं कहना , मैं जा रही हु राहुल को लेने वो मम्मी जी को परेशान कर रहा होगा | "- रागनी झल्लाते हुए बोली |राकेश थोड़ा सा कड़क पर प्यार से बोला- बताओ भी |रागनी रुआँसी सी हो गयी फिर उसने राकेश की तरफ देखते हुए कहा - "क्या करू यार मैं ! राहुल के पैदा होने के बाद शरीर इतना साथ तो देता नहीं | अभी एक महीना ही तो हुआ है डिलिवेरी का | ऊपर से सब बोलते है की राहुल की तरफ पीठ करके मत सोया करो मैं थक जाती हू एक करवट में तो दूसरी तरफ पीठ करने में राहुल मेरे पीछे हो जाता है फिर जो देखता है मुझे टोकता है | ये सब मुझे अच्छा नहीं लगता है |" राकेश ने हसते हुए कहा -" तो तुम सबकी बातो पर ध्यान क्यों देती हो अपने हिसाब से काम करो , अपना ध्यान रखो और जिधर करवट लेनी है इधर लो जैसे सोने का मन हो वैसे सो | ध्यान मत दिया करो सबकी बातों पर | बस खुश रहा करो तुम |"रागनी थोड़ा खीजते हुए बोली - अरे बात वो नहीं है मुझे भी डर लगता है , मम्मी जी कहती है बच्चे की तरफ पीठ करके सोना अशुभ होता है , बच्चे को तकलीफ होती है | बच्चे को कोई खतरा होता है | ये तो सही नहीं है ना ! मैं बहुत कोशिश करती हू पर भूल जाती हू और करवट ले लेती हूँ |
          अपनी पत्नी की बात सुनकर राकेश को हसी आ गयी , हसते हुए वो बोला - अरे मेरी प्यारी बीबी जी ऐसी कोई बात नहीं | ये शुभ अशुभ कुछ नहीं होता न ही बच्चे को कोई खतरा होता है | ये सब इसलिए बोलते है क्यूंकि पहले के समय में घरों में दरवाजे नहीं होते थे और जानवर भी घूमते रहते थे तो अगर माँ बच्चे की तरफ पीठ करके सोयेगी तो कही ऐसा न हो की जानवर बच्चे को उठा ले जाये और माँ को पता ही न चले | इसलिए कहते थे की बच्चे की तरफ पीठ करके मत लेटो नहीं तो बच्चे को तकलीफ होगी | जब माँ बच्चे की तरफ मुँह करके सोती थी तो उसे हर चीज़ की खबर होती रहती | वही बात लोग अभी भी मानते है पर उसकी वाली वजह कोई नहीं बताता | वैसे भी आज कल तो आस पास न ही कोई जंगल है और न ही जानवर | और वैसे भी आज कल तो घरों में इतना बंदोबस्त होता है कि एक कॉकरोच तक नहीं घुस सकता है घरों में | तुम ये सब बातो पर ध्यान न दिया करो |रागनी ये सब सुनकर हसने लगी अब उसे अपनी बेवकूफी पर आश्चर्य हुआ अब उसने मन ही मन ये निश्चय किया की वो इस तरह की कोई बात पर यकीन नहीं करेगी | और वो अपने हिसाब से काम करेगी |

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