मित्र की माता के देहांत पर संवेदना पत्र
मित्र की माता के देहांत पर संवेदना पत्र |
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प्रिय अनिल,
तुम्हारी माताजी के निधन का दुखद समाचार पाकर पूरे परिवार को बहुत ही दुख हुआ। हम लोग समझ रहे थे अब भी कम से कम दो-तीन साल और जीवित रहेंगे। पर जाने वालों को भला कौन रोक सकता है। ईश्वरीय विधान ही है, कि जो उदित होता है उसे अस्त होता है। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें, तथा तुम्हारे परिवार जनों को दुख सहने की शक्ति दे। उनके न रहने पर अब गांव का घर सुना लगने लगेगा। वैसे ऐसी स्थिति में किया है क्या जा सकता है। दुनिया में सब कुछ तो मिल जाता है पर माता पिता नहीं मिलते हैं। माताजी की शेष इच्छाओं को पूरा करना ही सच्ची श्रद्धांजलि है। ईश्वर उनकी आत्मा को चिर शांति प्रदान करें।
तुम्हारा
दोस्त कर्म सूद
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