सिन्धु घाटी सभ्यता की उत्पत्ति और पतन के बारे में बताओ

 सिन्धु घाटी सभ्यता की उत्पत्ति और पतन के बारे में बताओ 


सिन्धु घाटी सभ्यता की उत्पत्ति और पतन


सिन्धु घाटी की सभ्यता ताम्रयुग की सभ्यता मानी जाती है। विद्वानों ने इस सभ्यता का काल 2800 .पू. से 2500 . पूर्व निर्धारित किया है। सिन्धु सभ्यता की उत्पत्ति के सन्दर्भ में अनेक विद्वानों ने अलग-अलग मत प्रस्तुत किए हैं। प्रसिद्ध इतिहासकार .जे.एच. मैके इस सभ्यता को प्रवसन से जोड़ कर देखते हैं। उनके अनुसार सिन्धु सभ्यता की उत्पत्ति सुमेर (दक्षिण मेसोपोटामिया) के निवासियों के प्रवसन के कारण हुई। 


इतिहासविद डी.एच. गाडेन, मार्टीमन ह्वीलर भी प्रवसन सिद्धान्त पर बल देते हैं किन्तु ऐसा पश्चिमी एशिया से सभ्यता के विचार के प्रवसन के कारण हुआ। अमलनंदाघोष का मानना है कि सिन्धु सभ्यता का उद्भव पूर्व हड़प्पा सभ्यता की परिपक्कता के परिणामस्वरूप हुआ। वहीं एम. रफीक मुगल का मानना है कि इस सभ्यता का विकास रावी क्षेत्र में हडप्पा के क्षेत्र में हुआ। रफीक ने इसे पूरी तरह सिन्धु सभ्यता माना है। उन्होंने मेसोपोटामिया सभ्यता से प्रेरणा लेने की मान्यता का खंडन किया है।


सिन्धु सभ्यता के विनाश के कारणों पर भी उत्पत्ति के कारणों की भाँति एकमतता नहीं है। विनाश के कारणों की कल्पना और अनुमान ही किया जाता है। कुछ कारण निम्नवत हैं :

  • कुछ विद्वान भयानक बाढ़ को इस सभ्यता के विनाश का कारण मानते हैं। जलवायु परिवर्तनों के कारण इस सभ्यता के अवशेषों पर बालू और मिट्टी की परत जम गई और धीरे-धीरे सभ्यता नष्ट हो गई।
  • सिन्धु सभ्यता के केन्द्रों से सिन्धु नदी का दूर होते जाना एक और कारण माना जाता है। नदी के दूर हो जाने पर भूमि अनुपजाऊ हो गई।
  • सिन्धु क्षेत्र में होने वाली वर्षा की मात्रा निरन्तर कम होते चले जाने के कारण सिन्धु का मैदान मरुभूमि में बदल गया।
  • कुछ विद्वान बाहरी आक्रमण को सिन्धु सभ्यता के विनाश का कारण मानते हैं। शान्तिप्रिय सिन्धु निवासी। इस आक्रमण को झेल नहीं पाये और धीरे-धीरे नष्ट हो गए। 
  • कुछ लेगों का अनुमान है कि इस सभ्यता का विनाश किसी आक्रमणकारी जाति के निरन्तर आक्रमण द्वारा हुआ हो।

इस
तरह सिन्धु सभ्यता के विनाश के सम्बन्ध में कोई एक निश्चित मत का निर्धारण नहीं किया जा सकता है।
 

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