किन पुरानी कहानियों से हमें मेसोपोटामिया की सभ्यता की झलक मिलती है

किन पुरानी कहानियों से हमें मेसोपोटामिया की सभ्यता की झलक मिलती है?- Which old stories give us a glimpse of Mesopotamian civilization


Which old stories give us a glimpse of Mesopotamian civilization



हमें मैसोपोटामिया की सभ्यता की झलक बाइबिल के पहले भाग ओल्ड टेस्टामेंट (Old Testament) में मिलती है। ओल्ड टेस्टामेंट में मैसोपोटामिया का जिक्र अनेक संदर्भो में किया गया है। उदाहरण के तौर पर ओल्ड टेस्टामेंट के भाग बुक आफ जेनेसिस (Book of Genesis) में शिमार (Shimar) अर्थात सुमेर के बारे में कहा गया है कि वहाँ ईंटों के बने अनेक शहर है। क्योंकि मैसोपोटामिया का जिक्र ओल्ड टेस्टामेंट में है इसलिये यूरोप के बहुत से विद्वान एवं यात्री इसे एक प्रकार से अपने पूर्वजों की भूमि मानते थे।


जब पुरातत्विक खोज की शुरूआत हुई तो बहुत से यूरोपीय विद्वानों ने मैसोपोटामिया में उस पट्टिका (Tablet) की खोज करने का प्रयत्न किया जिंस पर बाइबिल में वर्णित प्रलय या जलप्लावन (Flood) की कहानी लिखी हुई थी।
इस जलप्लावन का जिक्र बाइबिल और मैसोपोटमिया के साहित्य में तो मिलता ही है, विश्व के अन्य देशों में भी इस तरह के प्लय का विवरण किसी न किसी ढंग से अवश्य मिलता है। बाइबिल में यह कहा गया है कि जब यह प्रलय संसार में आने वाली थी जो पथ्वी पर सब जीवन को नष्ट कर देती है तो परमेश्वर ने नोआ नाम के एक व्यक्ति को प्रलय के बाद भी जीवन को नलायमान रखने का काम सौंपा। नोआ ने एक बहुत बड़ा जहाज बनाया और उसमें सभी जीव-जंतुओं का एक-एक जोडा रख लिया। इस प्रकार जब जलप्लावन से सब नष्ट हा गया तो  नाओ का जहाज बच गया और उसके साथ सभी जोडे भी सुरक्षित बच गए। इस तरह नया जीवन शुरू हुआ।


पैयोपेोटामिया के साहित्य में भी इस तरह के जलप्लावन की कहानी मिलता है जहां बचाने वाला मुख्य पात्र नोआ न होकर जिउसद (Ziusudra) या उतनापिष्टिम (Utnapishtim) था। भारत के साहित्य में भी इस प्रलय का जिक्र आता है। 

भारतीय महाकाव जयशकर प्रसाद ने अपनी रचना कामायनी में प्रलय के बाद का जिक्र कुछ इस प्रकार किया है-



हिमगिरि के उत्तुंग शिखर पर,
बैठ शिला की शीतल छाँह।
एक पुरूष भीगे नयनों से,
देख रहा था प्रलय प्रवाह।।
नीचे जल था, ऊपर हिम था
एक तरल था एक सघन।।
एक तत्व की ही प्रधानता
कहो उसे जड़ या चेतन।।

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