what is cloud computing (क्लाउड कंप्यूटिंग क्या होता है?) in hindi

What is cloud computing (क्लाउड कंप्यूटिंग क्या होता है?) -

जब आप अपने डेटा को लोकल डिवाइस में स्टोर करने की जगह इंटरनेट पर स्टोर करते हैं तो वह क्लाउड कंप्यूटिंग कहलाता है। जब हम डाटा को कंप्यूटर हार्ड ड्राइव में Save करते हैं तो उसे सिर्फ अपने PC पर देख कर सकते हैं। पर क्लाउड कंप्यूटिंग की help से डाटा या प्रोग्राम को आप कहीं भी open कर सकते हैं या use कर सकते हैं।

                क्लाउड कंप्यूटिंग जिसमें टेक्नोलॉजी का use करके different type की सर्विसेस (service) प्रोवाइड (provide) कराई जाती हैं। इन सर्विसेस में डाटा स्टोरेज, नेटवर्किंग, डेटाबेस , सॉफ्टवेयर जैसे resorces होते हैं|

    क्लाउड कंप्यूटिंग का मतलब यह है कि यूजर की डिमांड पर कोई भी कंप्यूटिंग सर्विस इंटरनेट के थ्रो यूजर को प्रोवाइड कराते है |जब हम डाटा को लोकल पीसी (local PC) में स्टोर करते हैं तो उसे केवल उसी पीसी के माध्यम से access और manage किया जा सकता है। परंतु जब क्लाउड कंप्यूटिंग का use करते हैं तो अपने डेटा को और resources को कहीं भी use कर सकते हैं| 

Example of Cloud computing-

YouTube
Facebook
Emails
Online shopping website - Amazon, Flipkart etc

History of Cloud computing-

क्लाउड कंप्यूटिंग की starting सन 1960 में हुई थी जो ठीक से काम नहीं कर पाई। इसके बाद सन् 1990 में सेल्स फोर्स (Salesforce) नाम की कंपनी ने वेबसाइट के लोगों को अपनी सर्विस देनी शुरू की। आप तो गूगल अमेजॉन माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां इस फिल्म में अपनी सर्विस प्रोवाइड कराने लगी है।

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Use of Cloud computing-

जाने अनजाने आजकल हर एक इंसान क्लाउड कंप्यूटिंग का हिस्सा है तो आज हम बात करेंगे , क्लाउड कंप्यूटिंग की use का कि हम क्लाउड कंप्यूटिंग का कहां use करते हैं -

1) Storing file-

अपनी फाइल को स्टोर , manage और शेयर क्लाउड कंप्यूटर की हेल्प से किया जाता है ताकि कभी भी कहीं भी किसी भी पीसी पर इन्हें एक्सेस किया जा सके। इसका example गूगल ड्राइव है।

2) Test & Development-

किसी भी पार्टिकुलर सॉफ्टवेयर और नेटवर्क की टेस्टिंग और डेवलपमेंट के लिए इसका यूज किया जा सकता है। क्लाउड सर्विसेज (cloud services) यह टेस्ट करने में help करता है कि वह पर्टिकुलर सॉफ्टवेयर सही से execute  कर रहा है नहीं, इसमें कोई error तो नहीं है|

3) Backup & Recovring-

कई बिजनेस कंपनीज आज भी अपने डेटा का बैकअप मैनुअली किसी स्टोरेज डिवाइस में स्टोर करके रखते हैं जो कि ज्यादा effrctive नहीं होता है जबकि क्लाउड based backup का use करके आप असानी से अपना बैकअप create कर सकते हैं और डाटा को recover कर सकते है|

4) Cloud database-

हर एक बिजनेस में एक डेटाबेस की जरूरत होती है और डेटाबेस create करने के लिए बहुत पैसे को खर्च करना पड़ता है और इसे यूज करना भी जी नहीं होता है जबकि क्लाउड डाटा बेस में सर्विस प्रोवाइडर इसको स्टोर और मैनेज करने में help करता है |

5) Large data storage -

बहुत ज्यादा डाटा को traditional data management स्टोर करने में capable नहीं होता है। क्लाउड कंप्यूटिंग इस तरीके के डाटा को store और manage आसानी से कर सकता है|

Type of Cloud Computing -


1) based on Cloud service
2) based on Cloud Development

1) Based on Cloud service-

A) IAAS( Infrastructure as a service) 
B) PAAS ( Plateform as a service) 
C) SAAS (Software as a service) 

2)Based on Cloud Development

A) public Cloud
B) Private Cloud
C) Hybrid Cloud

1) Based on Cloud service-

A) IAAS-

इस का फुल फॉर्म Infrastructure as A service होता है। इस सर्विस में क्लाउड की कंप्यूटिंग पावर स्टोरेज, सॉफ्टवेयर नेटवर्क पावर और इससे related जितने भी control होते हैं, वह यूजर( user) के पास होते हैं। इस सर्विस का use Business आदि मे किया जाता है। इस टाइप की सर्विस में आपको सॉफ्टवेयर पर नेटवर्क के साथ-साथ कंप्यूटिंग की भी पावर मिलती है।
Example- virtual private Server

B) PAAS-

इसका फुल फॉर्म Plateform as a service होता है। इसमें आपको सिर्फ एक ही प्लेटफार्म मिलता जिसमें या तो आपको कंप्यूटिंग पावर मिलेगी या फिर आपको स्टोरेज पावर | इसमें यूजर के पास पूरा कंट्रोल नहीं होता है। इस टाइप की सर्विस को क्लाउड प्रोवाइडर्स (Cloud provider) ही handle और control करता है। 
Example - Gmail, yahoo etc

C) SAAS-

इसका फुल फॉर्म software as a server होता है। इसमें आपको एक perticular सॉफ्टवेयर ही प्रोवाइड कराया जाता है। जिसका यूज़ किसी perticular काम के लिए किया जाता है।
Example- Google drive

2)Based on Cloud Development

A) Public Cloud computing
B) Private Cloud computing
C) Hybrid Cloud computing

A) Public cloud computing- 

यह हर एक व्यक्ति के लिए available रहता है। यह सर्विस प्रोवाइडर के through manage किया जाता है। यह ज्यादातर फ्री रहता है। पर कभी - कभी इसमें charges लगते हैं।

B) Private Cloud computing-

इसमें सर्विस और नेटवर्क की प्राइवेट क्लाउड पर स्टोर किए जाते हैं। इसमें यूजर अपना डाटा किसी दूसरे user के साथ शेयर (share) नहीं करता है। इसका example गूगल ड्राइव (Google drive) हो गया। यहां आप अपना डाटा आईडी और पासवर्ड की है। उससे सिक्योर (secure) करते हैं। गूगल ड्राइव आपके अलावा और कोई यूज़ नहीं कर सकता है |

C) Hybrid Cloud computing-

हाइब्रिड क्लाउड कंप्यूटिंग प्राइवेट और पब्लिक क्लाउड कंप्यूटिंग का कॉन्बिनेशन (combination) होता है। किसी वेबसाइट पर कुछ data रजिस्टर्ड यूजर के लिए avialable होता और कुछ डाटा हर व्यक्ति के लिए उपलब्ध होता है तो वहां पर हाइब्रिड क्लाउड कंप्यूटिंग का यूज होता है।

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