कहाँ गयी तलवार part 1

एक जगह जहाँ सभी लोग एक परिवार की तरह रहते है एक कॉलोनी जहाँ एक बड़ा मैदान है और उसके आस पास बहुत सरे घर और इनमे रहते थे बड़े ही भोले भले सीधे लोग जो आपस में मिलकर रहते थे और एक दूसरे का ध्यान रखते थे | अब आपको बताते है उस बड़े मैदान के बारे में उस मैदान में सब था झूले पेड़ -पौधे हरियाली और एक बहुत बड़ा सा चबूतरा | पता है उस चबूतरे में क्या था - छत्रपति शिवा जी महाराज की बड़ी सी मूर्ति जो की एक घोड़े पे सवार चमकीले वस्त्र पहने थे तथा हाँथ में तलवार लेकर मुस्कुरा रहे थे |

और मनो कह रहे हो की है किसी में दम जो मेरा मुकाबला कर सके | पर ये सब बात धरी की धरी रह गयी जब एक सुबह लोगो में देखा की वो तलवार जिसपर शिवा जी को गर्व हुआ करता था आज उनके हांथों में न होकर पता नहीं किसके हांथों की शोभा बन गयी थी | शिवा जी महाराज की ये तलवार अब तक तीन बार गायब हो चुकी थी जैसे मनो कोई ऐसा हो जो नहीं चाहता की शिवा जी अपनी तलवार के साथ रहे | इस बार जब तलवार गायब हुई तो लोगों ने बात को गंभीर ता से लिया की आखिर कौन है वो इंसान जो शिवा जी की तलवार के पीछे हाँथ धो कर पड़ा है |
किसी को शिवा जी की तलवार से क्या लेना देना पर कोई तो था जिसे शिवा जी महराज तलवार से ही लेना देना है एक शराबी पास ही खड़े होकर सबकी बातें सुन रहा था बोला - "मुझे पता है की शिवा जी की तलवार किसने चुराई है |"
सभी लोगो ने एक साथ पूछा - कौन है वो? हमें बताओ हम उसका गला दबा देंगे |
शराबी बोला - "मैं बता तो दू पर किसी को मत बताना की ये सब मैंने बताया है क्यूंकि आजकल का जमाना अच्छा नहीं है कुछ भी हो सकता है |"
भीड़ में से एक सरदार जी बोले -"तू सिर्फ नाम बता दे बाकी मैं देख लूंगा |"
तभी पीछे से मौसी जी बोली -" अरे उसका मुँह कला करके चौराहे पे टांग देंगे |"
हां ठीक है बताने में मुझे कोई दिक्कत नहीं है परन्तु मेरे परिवार को कुछ नहीं होना चाहिए"- शराबी ने बड़ा "ही डरते हुए कहा
इतना सुनते ही एक बूढ़े दादा मुँह में एक भी दाँत ना होने के बावजूद बोले - "बेटा तुम बस उसका नाम बता दो तुम्हारे परिवार को कुछ नहीं होगा | हम सब तुम्हारे साथ है |"
शराबी बोला-" ठीक है मै उसका नाम बता देता हू लेकिन ध्यान रखना मेरा नाम बीच में नहीं आना चाहिए मेरे भी बाल बच्चे है |"
चमचम चाची झुंझलाते हुए - "अरे तू नाम बता बस "
शराबी धीरे से बोला - "मुझे लगता है पक्के से शिवा जी की तलवार किसी चोर ने चुराई है |"
शराबी रामू की बुद्धिमानी देखकर सभी बड़े ही चकित थे | तभी किसी ने पीछे से आवाज दी कि कहीं ये काम पाकिस्तान का तो नहीं है | इतने उच्च विचार सुनकर कविता दीदी बोली - "आखिर पाकिस्तान ऐसा क्यों करेगा |"तभी रमेश जी बोले - "अरे पाकिस्तान का काम ही क्या है हमारे शांत जीवन को अशांत करने के लिए सारे हथकंडे अपनाता है |"

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