चाहे कितना भी हो कहर पर रहने को हो शहर,
चाहे जितनी हो कड़की पर चलने को हो मर्सडीज
चाहे जितना हो खर्चा पर मोहल्ले में हो चर्चा,
चाहे जितनी हो परेशानी पर घर में हो नौकरानी!
चाहे हो जाये बर्बादी पर हो जाये शादी,
चाहे जैसी हो वाइफ पर दहेज़ में मिले बाइक!
चाहे ले ना पाए साइकिल पर दहेज़ में मांगेगे मोटर साइकिल,
चाहे लेना परे उधार पर जाएंगे बियर बार!
चाहे बैठ जाये भट्टा पर लगाएंगे सट्टा,
चाहे हो जाये लोन पे लोन पर जेब में हो मोबाइल!
चाहे बच्चों को न लाते हो टॉफी पर खुद पियेंगे कॉफी,
चाहे कितना भी हो वेतन पर जायेगे होटल में खाने!
चाहें माँ की हो फटी धोती पर पत्नी पहने डिजाइनर साड़ी,
चाहे कितना करो सम्मान पर अधूरा बिना धूम्रपान!
चाहे करते हो चौकीदारी पर बतायेगे थानेदारी,
चाहे हो कोई जगराता पर बिना नेता वो भी नहीं हो पता!
चाहे जितनी हो कड़की पर चलने को हो मर्सडीज
चाहे जितना हो खर्चा पर मोहल्ले में हो चर्चा,
चाहे जितनी हो परेशानी पर घर में हो नौकरानी!
चाहे हो जाये बर्बादी पर हो जाये शादी,
चाहे जैसी हो वाइफ पर दहेज़ में मिले बाइक!
चाहे ले ना पाए साइकिल पर दहेज़ में मांगेगे मोटर साइकिल,
सबका नजरिया - A Hindi Motivational Poem |
चाहे बैठ जाये भट्टा पर लगाएंगे सट्टा,
चाहे हो जाये लोन पे लोन पर जेब में हो मोबाइल!
चाहे बच्चों को न लाते हो टॉफी पर खुद पियेंगे कॉफी,
चाहे कितना भी हो वेतन पर जायेगे होटल में खाने!
चाहें माँ की हो फटी धोती पर पत्नी पहने डिजाइनर साड़ी,
सबका नजरिया - A Hindi Motivational Poem |
चाहे करते हो चौकीदारी पर बतायेगे थानेदारी,
चाहे हो कोई जगराता पर बिना नेता वो भी नहीं हो पता!
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