इस पोस्ट मे जानेगे इप्लॉयर से सैलरी के रूप में हमें मिलने वाला अधिकतर अलाउंस, रीइंबर्समेंट या तो पूरी तरह टैक्सेबल होता है या उसके कुछ हिस्से पर टैक्स लगता है।
टैक्स छूट कुछ शर्तों के अंतर्गत होती है। टैक्स छूट का दावा करने के लिए छूट की सीमा और शर्तों के बारे में जानना जरूरी है। कौन पूरी तरह टैक्सेबल, कौन आंशिक टैक्सेबल और किस लिमिट तक इन्हें टैक्स से छूट मिली हुई है। इस पोस्ट मे आपको पूरी जानकारी मिलेगी ।
1. हाउस एलाउंस - अगर आप जहा जॉब करते है वहां से आपको हाउस अल्लौंस मिलता है और आप किराये पर रहते है और आप HRA के पैसो में टैक्स में छूट के लिए दावा कर सकते है । लेकिन अगर आप रेंट पर नहीं रहते है और आपको HRA मिलता है तो सारा का सारा HRA टैक्स के दायरे में आता है ।
2. महंगाई भत्ता :- जिन भी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता मिलता है उसकी पूर्ति रकम पर टैक्स लगता है उसमे कोई छूट नहीं होती । महंगाई भत्ता खासकर सरकारी कर्मचारियों को मिलता है ।
3. मेडिकल एलाउन्स और मेडिकल रिइम्बर्समेंट - इन दोनों में बहुत फर्क होता है कुछ लोग इनको एक ही समझ लेते है । मेडिकल एलाउन्स की पूरी रकम पर टैक्स लगता है जबकि मेडिकल रिइम्बर्समेंट पर सालाना 15000 हजार रुपए पर टैक्स में छूट मिलती है । मेडिकल रेम्ब्रेमेन्ट की रकम क्लेम करने के लिए बिल देने की जरुरत होती है । जबकि मेडिकल एलाउन्स के लिए नहीं |
क्या खाली पडी प्रोपर्टी पर टैक्स लगता है जानिये प्रोपर्टी टैक्स के बारे मे ।
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4. परिवहन भत्ता (TA): अगर आपको ट्रांसपोर्ट अलाउंस मिलता है, तो आप महीने 16,000 रुपये के हिसाब से साल मे 19,200 रुपये तक की रकम पर टैक्स छूट पा सकते हैं। अंधे, बहरे या अन्य किसी तरह के दिव्यांग कर्मचारियों के लिए यह सीमा 32,000 रुपये की है। आईटीआर फाइल करते वक्त आप इस रकम को कर योग्य कुल आय से ही घटा सकते हैं। इस रकम पर टैक्स छूट पाने के लिए आपको किसी तरह का सबूत या दस्तावेज नहीं देना होता है। एक शर्त जरूर है। आप इस ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट तभी पा सकते हैं, जब आपका एंप्लॉयर आपको परिवहन का कोई मुफ्त साधन नहीं मुहैया करवा रहा हो।
5. हॉस्टल एक्सपेंडिचर अलाउंसः अगर आपका बच्चा किसी हॉस्टल में रहता है और आप उस पर खर्च करते है पर किसी भी तरह का भत्ता नही मिल रहा हो, तो आप 300 रुपये महिने यानी 3,600 रुपये सालाना पर टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं। यह छूट भी अधिकतम दो बच्चों पर ही मिल सकती है।
6. चिल्ड्रेन एजुकेशन अलाउंसः अगर आपको बच्चों की शिक्षा के लिए भत्ता मिल रहा है, तो आप इस पर टैक्स छूट पा सकते हैं। यह रकम ज्यादा-से-ज्यादा दो बच्चों के लिए हर महिने अधिकतम 100-100 रुपये यानी सालाना 1200-1200 रुपये तक पर ही टैक्स छूट का फायदा मिल सकता है। इसके साथ ही, आप सेक्शन 80C के तहत बच्चों की पढ़ाई के लिए दी जा रही फीस पर भी टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं।
7. लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA): जिन्हें अपने एंप्लॉयर से एलटीए भी मिलता है, वे टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। यह नियम देसी और विदेशी, दोनों एंप्लॉयीज पर लागू है।
एलटीए पर टैक्स छूट पाने के निम्नलिखित नियम हैं
- चार सा के अंतराल में सिर्फ 2 यात्राओं के खर्च पर ही टैक्स छूट मिलेगी।
- सबसे छोटे रास्ते से अपनी मंजिल पर पहुंचने का वास्तविक खर्च या एंप्लॉयर से मिली रकम, दोनों में जो कम हो, उसी रकम पर टैक्स छूट पा सकते हैं।
- इग्जेंप्शन क्लेम करने के लिए रेलवे के एसी फर्स्ट क्लास या सरकारी विमान कंपनी (एयर इंडिया) के बिजनस क्लास से गंतव्य (डेस्टिनेशन) तक के किराये की रकम पर टैक्स छूट पाई जा सकती है।
- सिर्फ भारतीय सीमा में किसी गंतव्य के लिए यात्रा के खर्च पर ही टैक्स छूट पाई जा सकती है।
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