हे प्रभु इस दास की इतनी विनय सुन लीजिये,
मार ठोकर नाव मेरी पार तो कर दीजिये |
मैं नहीं डरता प्रभु आंधी मौत और तूफान से ||
कांपती है रूह मेरी सर्वदा इम्तिहान से ||
हिंदी के हर शब्द के अर्थ सताते है मुझे,
स्वप्न में भी 'सूर ' 'तुलसी' दिख जाते है मुझे|
एल्जेब्रा व गणित के सिवा कुछ भाता नहीं ||
क्या करे लेकिन गुणा करना अभी आता नहीं ||
राम रमा रामम हाय प्यारी संस्कृतम,
अब मुझे लगता है यह पीछा ना छोड़ेगी मरते दम तक
हो बुरा इतिहास का, सात समुन्दर बह गए,
मर गए वो लोग, रोने के लिए हम रह गए ||
शाहजहाँ अकबर हिमायु और बाबर श्राप है,
कौन है बेटा न जाने कौन किसका बाप है |
भूगोल में एक प्रश्न आया गोल कैसे है धरा ||
और पल में लिख दिया मैंने भी उत्तर खरा ||
गोल है पूरी कचौरी, गोलगप्पा गोल है,
गोल रसगुल्ला जलेबी, मुँह हमारा गोल है |
झूम उठे सर हमारे इस अनोखे ज्ञान से ||
पुस्तिका में लिख दिया जल्दी ही बड़ी शान से ||
ठीक है बेटा हमारी लेखनी भी गोल है,
है जब सब गोल तो नंबर भी तुम्हारे गोल है ||
मार ठोकर नाव मेरी पार तो कर दीजिये |
मैं नहीं डरता प्रभु आंधी मौत और तूफान से ||
कांपती है रूह मेरी सर्वदा इम्तिहान से ||
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Exam Pressure A Funny Hindi Poem |
हिंदी के हर शब्द के अर्थ सताते है मुझे,
स्वप्न में भी 'सूर ' 'तुलसी' दिख जाते है मुझे|
एल्जेब्रा व गणित के सिवा कुछ भाता नहीं ||
क्या करे लेकिन गुणा करना अभी आता नहीं ||
राम रमा रामम हाय प्यारी संस्कृतम,
अब मुझे लगता है यह पीछा ना छोड़ेगी मरते दम तक
हो बुरा इतिहास का, सात समुन्दर बह गए,
मर गए वो लोग, रोने के लिए हम रह गए ||
शाहजहाँ अकबर हिमायु और बाबर श्राप है,
कौन है बेटा न जाने कौन किसका बाप है |
भूगोल में एक प्रश्न आया गोल कैसे है धरा ||
और पल में लिख दिया मैंने भी उत्तर खरा ||
गोल है पूरी कचौरी, गोलगप्पा गोल है,
गोल रसगुल्ला जलेबी, मुँह हमारा गोल है |
झूम उठे सर हमारे इस अनोखे ज्ञान से ||
पुस्तिका में लिख दिया जल्दी ही बड़ी शान से ||
ठीक है बेटा हमारी लेखनी भी गोल है,
है जब सब गोल तो नंबर भी तुम्हारे गोल है ||
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