बायोडाटा , रिज्यूमे , सीवी में अंतर || Difference Between Biodata , Resume And CV

अपने बारे में किसी अनजान इंसान को बताने के कई माध्यम है जैसे बायोडाटा , रिज्यूमे , सीवी | अब बात आती है कि तीनो में अंतर क्या होता है और कब किसका क्या इस्तमाल होता है | इस बारे में आज हम बात करने वाले है |


बायोडाटा (Biodata) -


इसका फुल फॉर्म बायोग्राफी डाटा होता है | इसमें अपनी निज़ी जानकारी लिखी जाती है | जैसे - जन्मतिथि , धर्म , वैवाहिक जानकारी , लिंग इत्यादि |भारत में इसका इस्तमाल ज्यादातर शादी से पहले अपनी निजी जानकारी देने के लिए होता है |नौकरी के लिए इसका इस्तमाल तब होता है जब आवेदक सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर रहा हो  जहाँ जहॉ आवेदक को अपनी निज़ी जानकारी साझा करनी होती है | अब आवेदक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आवेदन करता है तब इसकी आवश्यकता नहीं होती है |

रिज्यूमे (Resume)-


रिज्यूमे में बस वही बातें लिखी जाती है जब जो जरुरी होती है क्युकी किसी भी नौकरी के लिए भेजे गए रिज्यूमे को सरसरी निगाह से देखा जाता है | इसमें जो भी लिखा जाता है वो कम शब्दों में लिखा जाता है और उस जानकारी का जिक्र किया जाता है जो बहुत जरुरी हो |रिज्यूमे आवेदक के लिए नौकरी के इंटरव्यू तक जाने का रास्ता है जबकि सीवी की जरुरत इंटरव्यू के दौरान होती है | इसलिए रिज्यूमे में शुरू में ही अपने कौशल के साथ ही अपने क्षेत्र का विशेष कौशल का जिक्र कर देते है ताकि परीक्षक आवेदक के अनुभव के बारे में जान सके |

सीवी ( Curriculum Vitae) - 


करिकुलम वीटा किसका अर्थ कोर्स आफ लाइफ है ये एक लेटिन शब्द है | ये रिज्यूमे से ज्यादा विस्तार में होता है ये अमूमन 2 से 3 पेज का होता है | सेवी में आवेदक की अब तक की सारी कौशल सूचि , सभी नौकरी और उसमे आपके स्थान की जानकारी , डिग्री , सफलताएं , आवेदक की पसंद नापसंद , उसकी पारिवारिक जानकारी भी विस्तार से होती है | सीवी अक्सक उन लोगो के लिए सही होता है जो की कैरियर बदलना चाहते हो या फिर जो नए हो |


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