भारतीय महापाषाण संस्कृति के प्रमुख घटकों पर प्रकाश डालिए

भारतीय महापाषाण संस्कृति के प्रमुख घटकों पर प्रकाश डालिए।



भारतीय महापाषाण संस्कृति के प्रमुख घटकों पर प्रकाश डालिए।


उत्तर-महापाषाण-महापापाण संस्कृति का उदय दक्षिण में पाषाण युग के बाद होता है। यूँ तो यह संस्कृति कुछ हद तक भारत के पूर्वी-मध्य और उत्तर-पश्चिम क्षेत्रों में भी पाई जाती है, किंतु दक्षिणी भारत के संदर्भ में इस संस्कृति का विशेष महत्त्व है। महापाषाणीय संस्कृति की दो प्रमुख विशेषताएँ हैं।


एक तो यह लौह युग से अविरल रूप से जुड़ा हुआ है और दूसरा यह काले एवं लाल मृदभांडों के आविर्भाव से भी संयुक्त है। इस युग की पुरातत्व संबंधी वस्तुएँ आवास स्थल और कब्रगाह दोनों जगहों से प्राप्त होती हैं। कब्रगाह पुरातत्व सामग्री की प्रचुरता के कारण ज्यादा अधिक महत्त्वपूर्ण है। कत्रों में वस्तुओं के रखने का उद्देश्य यही था कि व्यक्ति को मरणोपरांत भी आवश्यक वस्तुएँ यथेष्ट रूप से प्राप्त हों तथा वे प्रकृति की विनाशलीला से भी बची रहें । 


कब्रगाह में रखी सामग्री से यह स्पष्ट होता है कि मृत्यु के बाद भी आत्मा के विनष्ट न होने पर लोगों का विश्वास था। लहे और काली तथा लाल मिटटी के बर्तनों का महापाषाण काल से विशेष संबंध है हालाँकि इसका इस्तेमाल उस संस्कृति के पहले तथा बाद में भी होता रहा था। महापाषाण संस्कृति का विकास विश्व के अन्य दश्शों में भी हुआ था। महापाषाण कालीन लोग साधारणतया पहाड़ की ढलानां पर रहते थे, परंतु ऐसा प्रतीत होता है कि इस काल में लोग कृषि का विशेष विकास नहीं कर पाए थे।


Related Post


  1. Why Does Raksha Bandhan Celebrate in India - भारत में रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है 
  2. प्रारम्भिक भारतीय इतिहास पर निबंध

  3. आर्य कौन थे

  4. Essay on Pollution In Hindi || प्रदूषण पर निबंध

  5. Shri Krishna Janmashtami Essay in Hindi- कृष्ण जन्माष्टमी
  6. भारत में स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाया जाता है- Indipendence Day Celebration in India
  7. How To Celebrate Eid-Ul_Fitar Essay in India - ईद-उल-फितर पर निबंध
  8. होली का जिद्दी रंग छुडाने के आसान तरीके होगा चुटकियो मे रंग साफ
  9. Teachers Day Essay || Why Teacher Day Celebrated on 5 September Every Year

Post a Comment

0 Comments