हुमायूँ (1530-1556) के बारे में 12 महत्वपूर्ण तथ्य | 12 important facts about Humayun
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- बाबर की मृत्यु के बाद हुमायूँ गद्दी पर बैठा।
- तैमूरी परम्परा के अनुसार, उसे सत्ता अपने भाईयों में बांटनी पड़ी। मिर्जा सुलेमान को-बदकशान दिया गया। मिर्जा कामरान को-काबुल व कधार। असकरी व हिंदाल को भारत के कुछ क्षेत्र।
- हुमायूँ ने शुरू में पूर्व में अफगानों पर जीत हासिल की।
- इसी दौरान गुजरात में बहादुर शाह ने विद्रोह किया, जिसका हुमायूँ ने सफलतापूर्वक दमन किया।
- बिहार में अफगान नए नेता शेर खाँ सूर के साथ हो गए।
- 1537 में शेर खाँ ने बंगाल पर आक्रमण कर महमूद शाह वहां के शासक को गौड़ में कैद कर दिया। शेर खाँ ने 1539 में चौसा के अफगान मुगल युद्ध में अपनी स्थिति और मजबूत कर ली। शेर खाँ ने अब "शेरशाह" की पदवी ग्रहण की।
- 1540 में कन्नौज के युद्ध में भी हुमायूँ की हार हुई।
- अत: शेरशाह उत्तर भारत का नया शासक बनकर उभरा।
- अगले 15 वर्ष हुमायूँ ने निर्वासन में बिताए।
- अंतत: 1544 में फारस में अफाविद दरबार के लिए भारत को छोड़ दिया उसने।
- वहाँ के शासक, शाह ताहमस्प ने शरण व सहायता के बदले. उसे व उसके अनुयायियों को सुन्नी धर्म त्यागकर शिया इस्लाम धर्म स्वीकार करने के लिए बाध्य किया।
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