शैल कला की परिभाषा | Definition of Rock Art
शैल कला-इन चित्रों से शिकार करने, भोजन जुटाने, मछली पकड़ने और अन्य मानवीय क्रियाकलापों की भी झलक मिलती है भीमबेंटका में भी काफी चित्र बने मिले हैं। इनमें बहुत-से जानवरों जैसे-जंगली सूअर, भैंसें, बंदर और नीलगाय के चित्र बने मिले हैं। इन चित्रों और नक्काशियों से यौन संबंधों, बच्चों के जन्म, बच्चों के पालन-पोषण और शव दफन से संब्ंधित अनुष्ठानों की भी झलक मिलती है। इन सत बातों से यह संकेत मिलता है कि मध्य पाषाण युग में पुरापाषाण युग की अपेक्षा सामाजिक संगठन अधिक सृदृढ़ हो गया था ऐसा प्रतीत होता है कि मध्य पाषाण युग के लोगों का घार्मिक विश्वास पारिस्थितिकी और भौतिक परिस्थितियों से प्रभावित था पत्थर पर की गई चित्रकारी और खुदाई से भी हमें पुरापाषाण युग के लोगों के रहन-सहन और सामाजिक जीवन के बारे में पता चलता है। सबसे पुरानी चित्रकारी उत्तर पुरापाषाण युग की है।
विन्ध्य क्षेत्र में स्थित भीमबेटका में विभिन्न कालों की चित्रकारी देखने को मिलती है। प्रथम काल में उत्तर पुरा पाषाण युग की चित्रकारी में हरे और गहरे लाल रंग का उपयोग हुआ है इन चित्रों में भैंसें, हाथी, बाघ, गेंडे और सूअर के चित्र प्रमुख हैं। ये चित्र काफी बड़े हैं और कुछ की लम्बाई 2 से 3 मीटर तक है। पुरापाषाण युग के लोगों के शिकारी जीवन की सही जानकारी प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रकार के जानबरों के कितने और किन रूपों में चित्र मिले हैं इसका बारीकी से अध्ययन करना होगा।
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