नागरिक का अर्थ
वह व्यक्ति जो सामान्यत: अपने देश में स्थायी रूप से रहता है, उसे उस देश का "नागरिक" कहा जाता है। वह व्यक्ति अपने देश के प्रति निष्ठावान होता है। उसे उस देश के सभी राजनैतिक अधिकार जैसे-मत देने का अधिका, चुनाव लड़ने का अधिकार तथा सरकारी सेवा में कार्यरत होने का अधिकार प्राप्त होता है।
भारतीय नागरिक कौन है ?
भारतीय नागरिक उन सभी लोगों को माना गया है. जो भारतीय संविधान के लागू होने की तिथि अर्थात 26 जनवरी 1950 को भारत में रह रहे थे। साथ ही दूर विदेश में पैदा हुए उन व्यक्तियों को भी भारत का नागरिक माना गया. जिनके माता-पिता अविभाजित भारत में पैदा हुए हों।
भारतीय नागरिकता की प्राप्ति
हमारे देश में इकहरी नागरिकता है अ्थात भारत में राज्य नागरिकता जैसी कोई चीज नहीं है।
भारत में नागरिकता दो प्रकार से प्राप्त होती है:
(i) जन्म से (ii) राज्यकृत
(i) जन्म से नागरिकताः जो बच्चे भारत में पैदा हुए हैं या जिनके माता-पिता भारतीय हैं उन्हें भारतीय नागरिकता जन्म से ही मिल जाती है।
(ii) राज्यकृत नागरिकताः एक विदेशी को भारतीय नागरिकता तभी मिलती है, जब वह भारत में 5 वर्ष से अधिक समय से रह रहा हो तथा भारतीय संविधान के अनुसार कुछ शर्तों को पूरा करता है। कुछ शर्तो से तात्पर्य है कि वह अपनी पहली नागरिकता को छोड चुका हो तथा एक भारतीय भाषा जानता हो ।
भारतीय नागरिकता में अधिकार और कर्तव्य दोनों ही शामिल होते हैं। एक भारतीय को संविधान द्वारा कुछ अधिकार दिए जाते हैं साथ ही संविधान में नागरिकों के कछ कर्त्तव्य भी दिए गए हैं जिन्हें उसे निभाना होता है।
भारतीय नागरिकता का खोना
यदि भारत का कोई नागरिक किसी अन्य देश की नागरिकता को ग्रहण कर लेता है तो उसे भारत की नागारकता छोड़नी पड़ती है। कुछ स्थितियों में यदि कोई नागरिक देश के हितों के विरूद्ध कोई कार्य करता है तो उस उसका नागरिकता का अधिकार देने से वंचित या मना किया जा सकता है।
अच्छा नागरिक कौन है?
* एक अच्छा नागरिक देश के उत्तरदायित्वों को पूरा करता है।
* देश के कानूनों का पालन करता है।
* वह अपना कार्य ईमानदारी से करता है।
* देश में जो कुछ भी हो रहा है, उसके संबंध में वह जागरूक तथा संवेदनशील होता है।
वह अपना कार्य भली प्रकार करके सरकार की सहायता करता है।
* वह उन्हें ही मत देता है जो उसकी दृष्टि में ठीक प्रकार से सरकार चला सकते हैं।
* वह समय पर कर देकर देश के विकास में सहयोगी बनता है।
वह सदैव देश के हित को स्वयं के हित से अधिक महत्त्वपूर्ण समझता है।
* वह स्थानीय अथवा राष्ट्रीय स्तर पर अपनी क्षमता के अनुसार देश की गतिविधियों में भाग लेता है।
महत्त्वपूर्ण तथ्य
भारतीय संविधान के दूसरे भाग में अनुच्छेद 5 से 11 तक नागरिकता संबंधी विभिन्न उपबंधों का प्रावधान है।
जनवरी 2004 में "भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955" में संशोधन करके 16 देशों-स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, इजरायल, पुर्तगाल, फ्रांस स्वीडन, न्यूजीलैंड, यूनान, साइप्रस, इटली, फिनलैंड, आयरलैंड, नीदरलैंड, ब्रिटेन व अमरीका में बसे " भारतीय मूल" के लोगों को उनकी विदेशी नागरिकता के साथ भारत की" ओवरसीज नागरिकता" प्रदान करने का प्रावधान किया गया। ऐसी दोहरी नागरिकता प्राप्त करने वाले भारतीय मूल के व्यक्तियों (PIO) को भारत में आने-जाने की स्वतंत्रता होगी। किंतु उन्हें मताधिकार या संवैधानिक अधिकार प्राप्त करने का अधिकार नहीं होगा।
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