कहा गयी तलवार पार्ट 2 - A Hindi Funny Story



तभी पीछे से मनोहर भैया बोले - "हाँ बिलकुल रमेश जी अपने बिलकुल सही कहा हमें परेशान करने के लिए कभी दंगे तो कभी बम फोड़ देते है और कुछ नहीं मिला तो शिवा जी महाराज की तलवार चुरा ली |" चाची ने कहा -"अब इस बात को गंभीरता से लेना होगा | "


सभी बात कर ही रहे थे कि तभी पीछे से हॉर्न कि आवाज आई एक कार चबूतरे कि ओर बढ़ रही थी जहा शिवा जी खड़े खड़े अपनी तलवार का इंतज़ार कर रहे थे | कार के पीछे पीछे सब चल दिए बच्चे तो ऐसे दौड़ रहे थे जैसे कि उन्हें प्रशाद मिलेगा |bade बूढ़े सभी चबूतरे के पास पहुंच गए वह जाकर देखा कि सफ़ेद वस्त्र धारण किये चहरे पेयस्कराहट लिए नेता जी अपने पांच चमचो के साथ चबूतरे पर खड़े होकर कह रहे थे - आज कल के नौजवानो को पता नहीं क्या हो गया है चोरी चकारी तो उनका धंधा हो गया है वो भी बेरोजगारी की वजह से | पर आप चिंता न करे कल सुबह 10 बजे तक शिवा जी की तलवार खुद उनके हांथों में सौपूंगा |

कहा गयी तलवार पार्ट 2 - A Hindi Funny Story
कहा गयी तलवार पार्ट 2 - A Hindi Funny Story


ये कहकर नेता जी चले गए | कॉलोनी के लोग भी इस आशा के साथ चले गए की चलो कल से शिवा जी फिर से अपनी शान दिखाएंगे |subah ९:३० तक सब अपन काम निपटा कर नहाधोकर सब मैदान में एकत्रित हो गए पर हमेशा की तरह नेता जी १२:०० बजे पहुंचे |बेचारे शिवा जी भी कुछ नहीं कर सकते थे क्यूंकि तलवार तो नेता जी ला रहे थे | जैसे तैसे नेता जी अपनी जीप में पांच चमचो के साथ हाजिर होते है | अब नेता जी है तो नेता गिरी तो दिखाएंगे ही तो भाषण तो बनता ही है | बिना भाषण के कोई कार्य पूरा कहा होता है |

सो नेता जी शुरू हो गए - "आप मुझे वोट तो दे कर देखिये मैं यहाँ शिवा जी के पास तलवारो की लाइन लगा दूंगा | बस एक बार आप मुझे अपना बहुमूल्य वोट देकर तो देखे मैं शिवाजी को कभी नाराज नहीं करुगा "
ये सुनकर शराबी धीरे से बोला -"जब वोट इतने ही कीमती है तो हम दे क्यों? वो भी भीख में "

किसी तरह नेता जी क भाषण ख़तम हुआ और नेता जी तलवार शिवा जी को देने के लिए सीढ़ियों पर चढ़े उनके चढ़ते ही लोगों ने तालिया बज दी | नेता जी के चमचे सीढ़ी पकड़कर ऊपर की तरफ देख रहे हैं | पर सभी शांत तब हो गए जब नेता जी शिवा जी को तलवार दे रहे हैं पर वो लेने को तैयार नहीं हैं | नेता जी जोर लगाकर शिवा जी की मुट्ठी में तलवार दे रहे पर है शिव जी हैं की लेने को तैयार नहीं ले नहीं रहे हैं नेता जी के पूछने पर कारीगर ने कहा शायद धोखे से शिवा जी की जगह महाराणा प्रताप की तलवार आ गयी है | जब नेता जी से तलवार न पकड़ाई गयी तो नेता जी के चमचे भी सीढ़ी पर चढ़ गए | अब उन सबको ये कौन बताये की उनका बजन इतना है की सीढ़ी माता से सहन नहीं होगा इसीलिए पटक दिया उनसबको झाड़ियों के पीछे | आश्चर्य की बात तो तब हुई जब नेता जी के साथ साथ उनके चमचे भी एक एक तलवार लिए झाड़ियों से बाहर निकले | तभी सभी ने तालियां बजा दी |

अब कॉलोनी के लोंगो को समझ आ गया था की तलवार किसी चोर या पाकिस्तान ने नहीं चुराई थी बल्कि शिवा जी ने झाड़ियों म छुपाई थी |

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