विराम चिन्ह - हिंदी भाषा || punctuation Symbol

विराम चिन्ह - हिंदी भाषा || punctuation Symbol -




विराम चिन्ह का हिंदी भाषा में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है | अगर विराम चिन्ह की जगह बदल दी जाये तो वाक्य का अर्थ भी बदल जाता है |हमें लगता है की विराम चिन्ह का अर्थ  पूर्णविराम ( Full Stop) " |" से है परन्तु ऐसा नहीं है ,जब हमें वाक्य को ख़तम या रोकना होता है तो इस चिन्ह का प्रयोग किया जाता है |विराम चिन्ह का तात्पर्य ठहराव , रुकाव , विश्राम से है , अर्थात वाक्य लिखते समय विराम को को प्रकट करने के लिए लगाए गए चिन्ह को विराम चिन्ह कहते है |ये चिन्ह कई प्रकार के होते है जिसके बारे में आज हम विस्तार से जानेगे |


        विराम चिन्ह का इस्तमाल बहुत ही सावधानीपूर्ण करना चाहिए क्यूंकि इसके हेर - फेर से वाक्य का तात्पर्य ही बदल जाता है |आइये उसे समझने के लिए एक उदाहरण का इस्तमाल करते है |

उदाहरण -

उसे रोको , मत जाने दो |

उसे रोको मत , जाने दो |

दोनों ही वाक्यों में सामान शब्दों का प्रयोग किया गया है परन्तु विराम चिन्हो को अलग जगह प्रयोग किया गया है जिससे वाक्य का अर्थ बदल गया है |

विराम चिन्ह के प्रकार :-

1) अल्प विराम ( , )

2) अर्द्ध विराम ( ; )

3) उप विराम ( : )

4) पूर्ण विराम ( | )

5) निर्देशक चिन्ह ( - )

6) प्रश्न चिन्ह ( ? )

7) विस्मय बोधक चिन्ह ( ! )

8) अवतरण चिन्ह ( " " )

9) कोष्ठक चिन्ह ( [{()}] )



10) विवरण चिन्ह ( :- )

11) लाघव चिन्ह ( ° )

12) योजक चिन्ह ( - )

13) त्रुटि पूरक चिन्ह ( ^ )

14) पद्लोप चिन्ह ( ... )

1) अल्प विराम ( , ) -

 जहाँ थोड़े समय के लिए रुकना पड़े या फिर एक से ज्यादा वस्तुओं को दर्शना हो वहाँ अल्प विराम का प्रयोग किया जाता है |

उदाहरण -

मैंने भारत में इमारत , पुरानी हवेली , मन्दिर आदि के दर्शन किये |

2) अर्द्ध विराम ( ; ) -


जब अल्प विराम से ज्यादा देर रुकना होता है तब अर्ध विराम का प्रयोग किया जाता है |

उदाहरण -

विद्यालय बंद हो गया ; बच्चे घर को लौटने लगे |

3) उप विराम ( : ) -


जहाँ किसी कथन को अलग दर्शना हो वहाँ उप विराम का प्रयोग किया जाता है |

उदाहरण -

विद्यालय : ज्ञान का मंदिर 
प्रदुषण  : एक अभिशाप 

4) पूर्ण विराम ( | ) -

जब वाक्य पूर्ण हो जाता है तो वहाँ पूर्ण विराम का प्रयोग किया जाता है |

उदाहरण -

कल मैं विद्यालय गया था |



5) निर्देशक चिन्ह ( - ) -

निर्देशक चिन्ह का प्रयोग विषय , विवाद , सम्बन्धी , प्रत्येक शीर्षक के आगे , उदाहरण के पश्चात , कथोपकथन के नाम के आगे किया जाता है | इसको रेखा चिन्ह  के नाम से भी सम्बोधित किया जाता है |

उदाहरण -

जैसे - कर , बस , ट्रेन आदि |



6) प्रश्न चिन्ह ( ? ) -

प्रश्न चिन्ह का उपयोग प्रश्नवाचक वाक्यों के लिए किया जाता है |

उदाहरण -

तुम विद्यालय कितने बजे जाओगे ? 

7) विस्मय बोधक चिन्ह ( ! ) -

विस्मयबोधक चिन्ह का प्रयोग हर्ष , उल्लास , दुःख , विवाद , आश्चर्य , घृणा , दया आदि का बोध कराने के लिए किया जाता है |अर्थात इसका उपयोग अव्यय शब्द में किया जाता है |

उदाहरण -

हाय ! , अरे ! , शाबाश ! 

8) अवतरण चिन्ह ( " " ) -

अवतरण चिन्ह का इस्तमाल तब किया जाता है जब किसी के द्वारा कही गयी बात को उसी तरह प्रकट करना होता है जैसे उसने कही होती है |

उदाहरण -

राम जी ने कहा - " असत्य पर सदैव सत्य की विजय होती है |"

9) कोष्ठक चिन्ह ( [{()}] ) -

किसी भी वाक्य को और अधिक स्पस्ट करने के लिए कोष्ठक के अंदर वाक्य या शब्दों को प्रदर्शित करते है |

उदाहरण -

अमित ने कहा ( अवनि की तरफ इशारा करते हुए ) - तुम यहाँ से चली जाओ |

10)  विवरण चिन्ह ( :- ) -

विवरण चिन्ह का प्रयोग वाक्यांश के विषय में निर्देश आदि देने के लिए किया जाता है |

उदाहरण -

विराम चिन्ह निम्नलिखित प्रकार के होते है :-

11) लाघव चिन्ह ( ° ) -

किसी भी बड़े और प्रसिद्द शब्द जो संक्षिप्त में लिखने के लिए लाघव चिन्ह का प्रयोग किया जाता है |

उदाहरण -

डॉक्टर - डॉ 
उत्तर प्रदेश - उ  प्र 



12) योजक चिन्ह ( - ) -

योजक चिन्ह का प्रयोग समस्त पदों के मधु में किया जाता है |

उदाहरण -

सुख - दुःख , लाभ - हानि , शुभ - लाभ 

13) त्रुटि पूरक चिन्ह ( ^ ) -

इस चिन्ह का प्रयोग लिखते समय कोई शब्द भूल जाने पर किया जाता है |

उदाहरण -

मैं पिताजी के साथ ^ गया |
हमें रोजाना अपना कार्य ^ चाहिए |



14) पद्लोप चिन्ह ( ... ) -

जब वाक्य में कुछ अंश छोड़कर लिखना हो तो पदलोप चिन्ह का प्रयोग किया जाता है |

उदाहरण -

मैं बाजार चला जाउगा पर ...

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