Difference Between Cash Memory And Main Memory || कैश मेमोरी Vs मेन मेमोरी Vs वर्चुअल मेमोरी

Cache Memory Vs Main Memory Vs virtual memory



Cache Memory ( कैश मेमोरी  ) -

कैश मेमोरी एक अस्थाई मेमोरी ( Temporary Memory ) है , जिसका इस्तमाल जल्दी प्रोसेस करने के लिए किया जाता है |कैश मेमोरी CPU की एक्सेस करने की गति को बढ़ाती है। सरल भाषा में समझने के लिए आप ध्यान दे की कंप्यूटर को ओपन करने के बाद जब  भी कोई एप्लीकेशन या फिर प्रोग्राम कंप्यूटर पर खोलते (Open ) है तो पहली बार खोलने में ज्यादा समय लेता है परन्तु जब उसे दोबारा खोलते है तो वह कम  समय लेता है | ये जो समय बचता है वो कैश मेमोरी के कारण बचता है |तात्पर्य ये है की कैश मेमोरी कंप्यूटर पर खोले गए प्रोग्राम को सुरक्षित ( Save) करता है और जब कंप्यूटर को बंद कर ( Switch off ) देते है तो कैश मेमोरी सारा डाटा स्वयं ही डिलीट ( Delete ) कर देता है | कैश मेमोरी में सिर्फ वो डाटा सुरक्षित होता है जो तत्काल में खोला गया है ताकि जब यूजर उसे दोबारा खोले तो कंप्यूटर तुरंत कैश मेमोरी में ढूंढकर ( Search ) देता दे देता है | जबकि पहली बार खोला गया डाटा मेन मेमोरी ( Main Memory ) में ढूंढा जाता है जिससे समय ज्यादा लगता है | 

Main Memory (मेन मेमोरी )-

मेन मेमोरी स्थाई मेमोरी होती है |यह कंप्यूटर मेमोरी भी कहलाती है कंप्यूटर में जितना भी डाटा , एप्लीकेशन या प्रोग्राम होते है वो सब मेन मेमोरी में संग्रहित होता है |मेन मेमोरी मेन डाटा अपने आप डिलीट नहीं होता है यह डाटा सदैव संग्रहित रहता है आपका कंप्यूटर चाहे जितनी बार भी खोले या बंद करे आपके डाटा को कोई भी नुकसान नहीं होता है | मेन मेमोरी 2 तरह की होती है १) प्राइमरी मेमोरी 2 ) सेकेंडरी मेमोरी |
प्राइमरी मेमोरी - रेंडम एक्सेस मेमोरी और रीड ओनली मेमोरी
सेकेंडरी मेमोरी - सीडी , डीवीडी , फ्लॉपी , पेन ड्राइव |

Virtual Memory ( वर्चुअल मेमोरी ) -

वर्चुअल मेमोरी मेन मेमोरी की क्षमता ( Capacity)  को बढ़ाती है|वर्चुअल मेमोरी एक मेमोरी यूनिट नहीं है, जबकि यह एक तकनीक है| ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा इसका संचालन ( Manage ) होता है |वर्चुअल मेमोरी में वर्चुअल एड्रेस को फिजिकल एड्रेस पर मैप करने के लिए मैपिंग फ्रेमवर्क की जरूरत होती है | वर्चुअल मेमोरी एक तरह की मैपिंग प्रक्रिया होती है | ये कोई कंप्यूटर में जगह ( Space ) नहीं होता है | मतलब ये कोई मेमोरी यूनिट नहीं है |

कैश मेमोरी और वर्चुअल मेमोरी में अंतर -

1) वर्चुअल मेमोरी मुख्य मेमोरी की क्षमता को बढ़ाती है जबकि कैश मेमोरी CPU की एक्सेस करने की गति को बढ़ाती है |

2) वर्चुअल मेमोरी का आकार कैश मेमोरी से अधिक होता है|

3) ऑपरेटिंग सिस्टम ( Operating System ) वर्चुअल मेमोरी का प्रबंधन ( Manage ) करता है , जबकि कैश मेमोरी का प्रबंधन हार्डवेयर करता है |

3) वर्चुअल मेमोरी कोई मेमोरी यूनिट नहीं है ये एक तकनीक ( Technique) है जबकि कैश मेमोरी एक मेमोरी यूनिट है जिसका स्पेस निर्धारित होता है |

4) वर्चुअल मेमोरी में, मुख्य मेमोरी से बड़े आकार के प्रोग्राम को निष्पादित ( Execute ) किया जाता है जबकि कैश मेमोरी में हाल ही में उपयोग किए गए डेटा को कॉपी किया जाता है |


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