हड़प्पा संस्कृति का धर्म क्या था | What Was the Religion of Harappan Culture
हड़प्पा संस्कृति का धर्म - हड़प्पा सभ्यता की सन् 1921 ई. में खोज के पूर्व तक अधिकांश विद्वानों की यह मान्यता थी कि भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति के तत्त्व मूलतः आर्य भाषा-भाषियों की देन थे। लेकिन हड़प्पा सभ्यता के प्रकाश में आने के बाद इस मत से पर्दा उठ गया।
हडप्पा सभ्यता के धर्म के विषय में अब तक निश्चयात्मक रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि उत्खनन में कोई मंदिर अथवा पूजा स्थान में संबंधित अवशेष प्राप्त नहीं हुए हैं। इस प्रकार सिंधुवासियों के धार्मिक जीवन के विषय में जानने का एकमात्र साधन मोहनजोदड़ो से प्राप्त मुहरें तथा मूर्तियाँ हैं।
इस प्रकार यही कहा जा सकता है कि हड़प्पा संस्कृति में धर्म के विषय में लिखित साक्ष्यों का पूर्ण अभाव है। हडप्पा सभ्यता के विभिन्न पुरास्थलों से प्राप्त मूर्तियों (मिट्टी एवं पत्थर), पत्थर निर्मित लिंगों, योनियों, मुहरों, मुद्रकों तथा मृद्भाण्डों पर अंकित आकृतियों और कतिपय विशिष्ट प्रकार के भवनों एवं स्मारकों के अध्ययन के आधार पर धर्म के विषय में अनुमान लगाया गया है। सैन्धव सभ्यता के पुरातात्विक साक्ष्यों का इस दृष्टि से विशेष महत्व है कि वे आयों के पहले के आर्यत्तर भारतीय धर्म पर प्रकाश डालते हैं।
मातृ-शक्ति की पूजा, पशुपति के रूप में देव-उपासना, लिंग तथा योनि पूजा, पशु पूजा, वृक्ष पूजन, नाग उपासना, जल की पवित्रता, पूर्तिपूजा आदि सिंधुघाटी (हड़प्पा) सभ्यता के अभिन्न धार्मिक अंग माने जाते हैं।
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