बफर स्टॉक क्या है

बफर स्टॉक क्या है?


बफर स्टॉक क्या है


बफर स्टॉक भारतीय खाद्य निगम (एफ़.सी.आई.) के माध्यम से सरकार द्वारा अधिप्राप्त अनाज, गेहूँ और चावल का भंडार है। भारतीय खाद्य निगम अधिशेष उत्पादन वाले राज्यों में किसानों से गेहूँ और चावल खरीदता है। किसानों को उनकी फसल के लिए पहले से घोषित कीमतें दी जाती हैं। 

👉 इस मूल्य को न्यूनतम समर्थित कीमत कहा जाता है। इन फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से बुआई के मौसम से पहले सरकार न्यूनतम समर्थित कीमत की घोषणा करती है। खरीदे हुए अनाज खाद्य भंडारों में रखे जाते हैं। 


👉 बफर स्टॉक को केंद्रीय पूल भी कहा जाता हैं। इसका प्रयोग लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वितरण के साथ-साथ सूखे या फसल की बर्बादी अथवा‍ऐसी ही किसी अन्य आपात स्थिति से निपटने के लिये किया जाता है। 


👉 देश में खाद्यान्नों का न्यायपूर्ण वितरण व उनके मूल्यों में स्थायित्व लाने के उद्देश्य से भारतीय खाद्य निगम की स्थापना 1965 में की गई थी। निगम अपने उद्देश्यों की पूर्ति हेतु सरकार के लिये खाद्यान्नों की खरीद करता है तथा खाद्यान्न का बफर स्टॉक बनाए रखता है। 


👉 इस खाद्यान्न को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित मूल्य की दुकानों पर विक्रय के लिये उपलब्ध कराया जाता है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने 16 जनवरी 2015 को केंद्रीय पूल में खाद्यान्‍न के बफर मानक नियमों में संशोधन को मंजूरी दी थी। 


👉 सीसीईए ने इसकी भी मंज़ूरी दे दी है कि यदि केंद्रीय पूल में खाद्यान्‍नों का स्टॉक संशोधित बफर मानकों से अधिक होता है तो खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग अतिरिक्‍त स्टॉक को खुली बिक्री के जरिये  घरेलू बाज़ार में बेच सकता है अथवा उसका निर्यात भी कर सकता है।


क्या आप जानते हैं कि सरकार बफर स्टॉक क्यों बनाती है 


ऐसी कमी वाले क्षेत्रों में और समाज के गरीब और को मैं बाजार कीमत से कम कीमत पर अनाज के वितरण के लिए किया जाता है इस कीमत को निर्गम कीमत ही कहते हैं यह खराब मौसम में या फिर आता काल में अनाज की कमी की समस्या हल करने में मदद करता है।


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