उप राष्ट्रपति की जानकारी(All Information about Vice President )

उप राष्ट्रपति की जानकारी-All information about Vice president 

संविधान के भाग 5, अनुच्छेद 63 के अन्तर्गत उपराष्ट्रपति का प्रावधान है।




उपराष्ट्रपति पद के लिए योग्यताएँ-


      1). वह भारत का नागरिक हो।
      2). वह 35 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुका
      3). वह राज्य सभा के सदस्य चुने जाने की योग्यता रखता हो।
      4). वह किसी लाभ के सरकारी पद पर आसीन न हो।
          

 उपराष्ट्रपति का निर्वाचन-

1). उपराष्ट्रपति का निर्वाचन संसद के दोनों सदनों के सदस्यों द्वारा सम्मिलित बैठक में आनुपातिक प्रतिनिधित्व की पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत (Single Transferable Vote) से गुप्त मतदान द्वारा होता है।

2). उपराष्ट्रपति संसद के किसी भी सदन अथवा राज्य विधान मण्डल का सदस्य नहीं हो सकता। यदि उपराष्ट्रपति चुने जाने से पूर्व कोई व्यक्ति इनमें से किसी सदन का सदस्य है तो उपराष्ट्रपति का पद भार संभालते ही उसकी सदस्यता निरस्त मानी जाएगी।


उपराष्ट्रपति का कार्यकाल -


उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष होता है किन्तु वह स्वेच्छा से त्यागपत्र द्वारा इस अवधि के पूर्व भी अपना पद छोड़ सकता है अथवा उसे राज्यसभा के कुल बहुमत द्वारा पास किए प्रस्ताव से, जिसे लोकसभा भी स्वीकार कर ले. पदच्युत किया जा सकता है। ऐसे प्रस्ताव की सूचना 14 दिन पूर्व दी जानी आवश्यक है। उपराष्ट्रपति अपने पद पर तब तक आसीन रहेगा जब तक कि उसका उत्तराधिकारी उसके पद को न संभाल ले। उपराष्ट्रपति को अपना पद ग्रहण करने से पूर्व राष्ट्रपति अथवा उसके द्वारा नियुक्त किसी व्यक्ति के समक्ष शपथ लेनी पड़ती है।


उपराष्ट्रपति के कार्य-


1). उपराष्ट्रपति पदेन राज्य सभा का अध्यक्ष होता है। परन्तु उसे मतदान का अधिकार नहीं होता।

2). यदि राष्ट्रपति का पद मृत्यु, त्यागपत्र, पदच्युति या किसी अन्य कारण से रिक्त हो तो वह नए राष्ट्रपति द्वारा कार्यभार संभालने तक राष्ट्रपति का कार्य करेगा। राष्ट्रपति के अस्वस्थ या किसी अन्य कारण से अनुपस्थित हो जाने पर भी वह राष्ट्रपति का कार्य करता है।

3). राष्ट्रपति का कार्य करते समय उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति का वेतन, भत्ते तथा सुविधाएँ प्राप्त होंगी।

वेतन एवं भक्ते की जानकारी-


उपराष्ट्रपति का वर्तमान वेतन 1.25 लाख रुपये प्रति मास है। इसके अतिरिक्त उसे केन्द्रीय मन्त्रियों को प्राप्त अन्य सभी सुविधाएँ एवं भत्ते प्राप्त होते हैं।

उप-राष्ट्रपति को हटाने की रीति-


राज्य सभा अपनी कुल सदस्य संख्या के बहुमत से पारित और लोक सभा द्वारा अनुमोदित प्रस्ताव से उप राष्ट्रपति को पद मुक्त कर सकती है। पद रिक्त होने की स्थिति में नए उप राष्ट्रपति का निर्वाचन यथा संभव शीघ्रता से किया जाएगा तथा नए उप राष्ट्रपति का कार्यकाल भी 5 वर्ष का ही होगा। उप राष्ट्रपति स्वेच्छा से अपने पद से त्यागपत्र दे सकता है। उप राष्ट्रपति अपने पद पर तब तक आसीन रहेगा जब तक कि उसका उत्तराधिकारी उसके पद को न संभाल ले।

Post a Comment

0 Comments