What is polluton and type of pollution

What is pollution and type of pollution. || प्रदूषण और उसके प्रकार 




वो सभी पदार्थ जो पर्यावरणीय घटकों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते है , प्रदूषक पदार्थ  कहलाते और प्रदूषक द्वारा हुए नकारात्मक बदलाव को प्रदूषण कहते है |

        कोई भी रासायनिक ( chamical), भू - रासायनिक ( geochamical ) , जैविक अथवा भौतिक पदार्थ अथवा ऊर्जा जो मानव समाज द्वारा जाने - अनजाने में उत्पादित किए जाते है और साथ ही पर्यावरण पर हानिकारक रूप से प्रभाव डालते है प्रदूषक कहलाते है | 

           प्रदूषण का अर्थ है -प्राकृतिक संतुलन में दोष पैदा होना। न शुद्ध वायु मिलना न शुद्ध जल मिलना न शुद्ध खाद्य मिलना न शांत वातावरण मिलना |


प्रदूषण के प्रकार -


1) वायु प्रदूषण ( air pollution)

2) जल प्रदूषण (water pollution)

3) मृदा प्रदूषण ( soil pollution)

4) समुद्री प्रदूषण (marine pollution)

5) ध्वनि प्रदूषण (noise pollution)

6) प्लास्टिक प्रदूषण ( plastic pollution)

7) रेडियो सक्रिय प्रदूषण ( redio active pollution )

8) तापीय प्रदूषण (tharmal pollution)

9) ठोस अपशिष्ट प्रदूषण (solid- waste pollution)

10) ई- अपशिष्ट (e- waste pollution )

1) वायु प्रदूषण ( air pollution)-

वायु में उपस्थित ऑक्सीजन पर ही जीवन निर्भर है | WHO के अनुसार वायु घटकों में परिवर्तन होने या वायु में दूषित पदार्थों की मात्रा बढ़ने से वायु प्रदुषित हो जाती है , जो मानव समुदाय के लिए हानिकारक होती है |

           वायु प्रदूषण नागरिक और शहरो में एक भयानक समस्या बनकर नारी जलवायु में परिवर्तन कर रहा है | वहां और औद्योगिक फैक्ट्रियों द्वारा निकले धुएँ मुख्य रूप से प्रदूषक है |

2) जल प्रदूषण (water pollution)-


जल में अनिश्चित या अवांछनीय पदार्थों का मिला होना जल प्रदूषण कहलाता है | ये अवांछनीय पदार्थ , कार्बनिक , अकार्बनिक , जैविक और रेडियोएक्टिव तत्व हो सकते है |
       यद्यपि जल में स्वयं शुद्धिकरण की क्षमता होती है | परंतु जब मानव द्वारा जन्म दिए गए प्रदूषक का जल में मिश्रण होता है तो वह जल की शुद्धिकरण की क्षमता को कम या समाप्त कर देता है , जिससे जल प्रदुषित हो जाता है |

3) मृदा प्रदूषण ( soil pollution)-

आस-पास मृदा कार्बनिक तथा अकार्बनिक पदार्थों की सबसे उपरी पराठे के रूप मे होती है , जो पृथ्वी की चट्टानी सतह को ढाका रहती है |

         मृदा भौतिक , रासायनिक अथवा जैविक स्वरुप me परिवर्तन करने वाले पदार्थों एवं तत्वों को मृदा प्रदूषक के रूप मे जाना जाता है |प्रदूषक के प्राकृतिक और मानव जनित कारकों से मृदा की गुणवत्ता में हानि होने को मृदा प्रदूषक कहते है |

4) समुद्री प्रदूषण (marine pollution)-



वायु प्रदूषण के फलस्वरुप अम्लीय वर्षा ,सागरीय ताल में खनन,  भारी धातु जमाव आदि समुचित रूप से समुद्री प्रदूषण का कारण बनते है |

5) ध्वनि प्रदूषण (noise pollution)-


प्रकृति में किसी भी वस्तु द्वारा उत्पन्न समान्य आवाज को ध्वनि कहते है | परंतु जब ध्वनि की तीव्रता इतनी अधिक हो जाए कि वो कानो को अप्रिय लगे तो उसे शोर कहते है |

  पृथ्वी पर पाए जाने वाले सभी जीव - जंतुओं के सुनने की एक निश्चित सीमा होती है ,इस सीमा से अधिक आवाज होने पर यह हानिकारक साबित होती है जो ध्वनि प्रदूषण कहलाती है |

6) प्लास्टिक प्रदूषण ( plastic pollution)-

प्लास्टिक शब्द का प्रयोग कुछ निश्चित गुण एवं विस्तृत क्षेत्र वाले कृतिम वस्तुओ के लिए किया जाता है | प्लास्टिक से बनी वस्तुओ का जमीन या जल में एकत्रित होना प्लास्टिक प्रदूषण कहलाता है |
   
         प्लास्टिक प्रदूषण , भूमि प्रदूषण , जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण  का कारण हो सकता है | यह भूमि की उर्वरता शक्ति को नष्ट कर देता है |

7) रेडियो सक्रिय प्रदूषण ( redio active pollution ) -


रेडियो सक्रिय प्रदूषण तब होता है जब वायुमंडल या वातावरण में रेडियोधर्मी पदार्थों की उपस्थिति होती है, खासकर जहां उनकी उपस्थिति आकस्मिक होती है और जब यह रेडियोधर्मी पर्यावरणीय खतरा प्रस्तुत करता है।  रेडियोधर्मी पदार्थों के कारण होने वाला विनाश खतरनाक आयनकारी विकिरण (रेडियोधर्मी क्षय) जैसे बीटा या अल्फा कणों, गामा किरणों या वातावरण में न्यूरॉन्स के उत्सर्जन के कारण होता है जहां वे मौजूद हैं |

8) तापीय प्रदूषण (tharmal pollution) -

यद्यपि तापीय प्रदूषण की स्थिति जल और वायु दोनों के तापमान बढ़ने या घटने से उत्पन्न होती है किन्तु वायु के तापमान की अपेक्षा जल का तापमान सामन्यतः अधिक स्थिर होता है | इसलिए तापीय प्रदूषण का प्रमुख सम्बंध जलीय पारितंत्र के प्रदूषण से है | 

            परमाणु संयंत्रों , पेट्रोलियम शोधक कारखानों आदि में शीतलन हेतु प्रयुक्त जल को जल निकायों में छोड़ दिया जाता है , जिससे जल निकाय के तापमान में वृद्धि हो जाती है | जल निकाय के अपेक्षाकृत अधिक गर्म से उसमे ऑक्सीजन घुलने की क्षमता खत्म होने लगती है , फलस्वरुप जैविक ऑक्सीजन मांग बढ़ जाती है , इसे तापीय प्रदूषण कहा जाता है |

9) ठोस अपशिष्ट प्रदूषण (solid- waste pollution) -

ठोस अपशिष्ट,  वे पदार्थ होते है जो उपयोग के पश्चात निरर्थक हो जाते है तथा जिनका जैव निम्नीकरण ( biodegradation ) नहीं हो पाता है अर्थात जैव समुदाय इन्हें अपघटित कर पात है या अन्य यौगिक में नहीं बदल सकते है | जैसे कांच , डिब्बे, लोहा,  बोतल आदि |

             ठोस अपशिष्ट में वो सब वस्तुए सामिल है , जो कूड़े- कचरे में फेंक दी जाती है तथा सफाई कर्मचारियों द्वारा घरों , हॉस्पिटल, स्कूल आदि से एकत्रित किया जाता है |

10)  ई- अपशिष्ट (e- waste pollution ) -


ई- अपशिष्ट me इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रिक उपकरणों और उनके सभी प्रकारों को सम्मानित किया गया है जो उपयोग के बाद अनुपयुक्त और बेकार हो जाते है | इनमे कई खतरनाक रसायन और भारी वस्तुए जैसे तांबा , सीसा , जस्ता , एल्मीनियम केबल आदि जैसे हानिकारक धातुएं आदि पाए जाते है |

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