Major challenges of digital india(डिजिटल इंडिया की प्रमुख चुनौतियाँ)

Major challenges of digital india(डिजिटल इंडिया की प्रमुख चुनौतियाँ)-



1) मानव संसाधन की कमी (lack of human resource)- 

डिजिटल इंडिया के कार्यक्रम को पूर्ण करने में जो सबसे महत्वपूर्ण और पहली समस्या सामने आई वो है कर्मचारियों की कमी मतलब मानव संसाधन की कमी |इसलिए सबसे पहले इसके पुनर्निर्माण की आवश्यकता है | सभी स्तर प्रोग्रामिंग मैनेजर की आवश्यकता होती है जिसका अभी तक कोई भी इंतजाम नहीं है |

2) ग्रामीण आवादी को सक्षम बनाना ( Enabling rural population)-

डिजिटल सेवाओं के बेहतर इस्तमाल करने से पहले ग्रामीण इलाकों की कुछ बुनियादी जरूरतों को पूरा करने पर जोर देने की आवश्यकता है |गावों में बिजली की समस्या आए दिन बनी रहती है, नये मोबाइल टावर की स्थापना की आवश्यकता है क्योंकि वर्तमान में 55,000 से अधिक गांव मोबाइल कनेक्टिविटी से वंचित हैं |गावों में ब्रॉडबैंड पहुचाने मात्र से काम नहीं होगा, यह भी देखना होगा की उन सेवाओं को इस्तमाल करने में लोग सक्षम है भी की नहीं |हमे यह भी ध्यान रखना होगा की हम जिन लोगों को ये सुविधा दे रहे है वो इसके प्रति जागरूक है की नहीं और साथ ही इस सेवा का खर्चा उनके बजट में है या नहीं |

3) सार्वजानिक पुस्तकालय और शिक्षा का आधुनिकीकरण (Modernization of public library and education )-

डिजिटल इंडिया का एक महत्वपूर्ण बिंदु सार्वजानिक पुस्तकालय है | देश के सभी सार्वजानिक पुस्तकालयों को डिजिटल इंडिया से जोड़ना चाहिए जिससे लोगों के बीच इसकी जानकारी बढ़ेगी | कुछ सार्वजानिक पुस्तकालयों को डिजिटल करने का कार्य शुरू कर दिया गया है |इसी तरह स्कूल, मदरसों के भी आधुनिकीकरण की बात चल रही है |

4) खराब कनेक्टिविटी (Poor Connectivity)-


रिपोर्ट से अनुमान लगाया गया है कि भारत को प्रत्येक 150 लोगों के लिए एक वाई-फाई हॉटस्पॉट के वैश्विक स्तर तक पहुंचने के लिए वर्तमान में लगभग 31,000 हॉटस्पॉट की उपलब्धता के मुकाबले 80 लाख से अधिक हॉटस्पॉट की आवश्यकता है।

        रिपोर्ट में कहा गया है, "डिजिटल तकनीक के लिए हर नागरिक को सुलभ होने के लिए, स्थानीय जरूरतों को पूरा करने के लिए ऐप्स और सेवाओं को बाजर में लाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयासों की आवश्यकता है। ऐसे एप्लिकेशन प्रदान करने वाले विक्रेताओं को खोजना एक चुनौती बन गया है |

5) उचित नीति निर्माण (Proper Policy Making )-

डिजिटल इंडिया के विकास को सक्षम करने के लिए, सभी राज्यों में राईट ऑफ़ वे (ROW) नीति की आवश्यकता है और साथ ही साथ इसकी परमिशन देने के लिए सिंगल विंडो मैकेनिज्म की आवश्यकता है|

 डिजिटल संरचना के विकास के लिए पीपीपी मॉडल की खोज की जानी चाहिए, क्योंकि सड़कों और मेट्रो जैसी नागरिक संरचना परियोजनाओं के लिए यह मामला रहा है |

 सरकार को उच्च गति डेटा नेटवर्क की तैनाती के लिए दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को अतिरिक्त स्पेक्ट्रम उपलब्ध कराने का प्रयास करना चाहिए |

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